पक्खोवाल रोड स्थित सेंट्रा ग्रीन में आईटी विभाग की रेड के बाद हुए खुलासे
लुधियाना 6 मई। लुधियाना की हाई प्रीमियम सोसाइटियां कही न कही बोग्स बिलिंग व सट्टेबाजों का अड्डा बनती जा रही है। इन सभी सोसाइटी में लोगों की सेफ्टी के लिए हाई सिक्योरिटी रखी जाती है व एंट्री गेट लगाए जाते हैं, लेकिन चालबाज व भ्रष्टाचारी तत्व इन सभी सुविधाओं को अपने अवैध धंधों के लिए इस्तेमाल करने लग गए हैं। इस बात का खुलासा हाल ही में पक्खोवाल रोड स्थित अभय ओसवाल के सेंट्रा ग्रीन की हाई प्रीमियम सोसाइटी में हुई इनकम टैक्स विभाग की रेड से हुआ है। इस सोसाइटी में इनकम टैक्स विभाग द्वारा रेड करने के बाद लगातार तीन दिन जांच चली। जिसके बाद सोसाइटी में रहने वाले दो कारोबारी रोहित साही और करन चावला को बोग्स बिलिंग स्कैम में पकड़ा गया है। जिसके बाद लगता है कि बोग्स बिलिंग करने वाले, सट्टेबाज और नौसरबाज अब इसी पॉश सोसाइटियों को अपना रहन बसेरा बनाकर करोड़ों के हेरफेर करने में लगे हुए हैं। जिसके चलते इन कॉलोनियों के डवेलपर्स को इस पर ध्यान देने की जरुरत है।
25 से 30 फर्जी कंपनियां चला रहे थे दोनों
वहीं शुरुआती जांच में पता चला है कि सेंट्रा ग्रीन में आईटी की रेड के बाद खुलासा हुआ कि रोहित साही व करन चावला की और से लंबे समय से बोग्स बिलिंग का धंधा किया जा रहा था। उनकी और से 25 से 30 फर्जी कंपनियां बना रखी थी। वह उन्हीं कंपनियों के बिल काटकर बोग्स बिलिंग कर रहे थे। हालांकि यह बोग्स बिलिंग कितनी बड़ी है, इसका अभी पता नहीं चल सका है। लेकिन बताया जा रहा है कि कई करोड़ों रुपए का हेरफेर किया गया है।
मंडी गोबिंदगढ़ व लुधियाना के कई बड़े घरानों से जुड़े हैं तार
वहीं सूत्रों से पता चला है कि रोहित व करन की बोग्स बिलिंग के तार मंडी गोबिंदगढ़ से जुड़े हैं। इसके अलावा लुधियाना के कई बड़े घरानों के साथ भी उनके तार जुड़े हुए हैं। रोहित व करन की और से इन घरानों को इन्हीं फर्जी फर्मों से बिल काटकर दिए जाते थे। जिसके चलते जल्द इस मामले में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। जबकि कई बड़े चेहरे भी सामने आ सकते हैं।
आसान नेटवर्क के चलते सोसाइटी में रहते है नटवरलाल
जानकारी के अनुसार लुधियाना की सेंट्रा ग्रीन समेत इन हाई प्रीमियम सोसाइटियों में ज्यादातर कारोबारी रहते हैं। जिसके चलते ऐसे अवैध धंधे करने वाले नटवरलाल इन सोसाइटियों में रहते हैं। क्योंकि वहां रहकर उन्हें अपना नेटवर्क बनाने में आसानी होती है। इसी के चलते वह पार्क, क्लब व अन्य जगह पर अपने कारोबार की मार्केटिंग करते हैं और बड़े कारोबारियों को साथ जोड़कर बोग्स बिलिंग करते हैं।
हाई सिक्योरिटी का ठग व नौसरबाज उठा रहे फायदा
दरअसल, बड़ी सोसाइटियों में मेन गेट व सिक्योरिटी गार्ड इस लिए लगाए जाते हैं कि वहां रहने वाले लोगों की सुरक्षा की जा सके। सेंट्रा ग्रीन की तरह सभी बड़ी सोसाइटियों में हर व्यक्ति की एंट्री नहीं हो पाती। पूछताछ के बाद ही सिक्योरिटी लोगों को अंदर जाने देती है। इसी बात का फायदा उठाकर ठग व नौसरबाज वहां फ्लैट लेकर रहते हैं। जिसके चलते आसानी से सोसाइटी में कोई घुस नहीं सकता और ठग अपना अवैध धंधा धड़ल्ले से करते हैं। जबकि कई लोग फ्लैट लेकर किराए पर देकर खुद पैसा कमाते हैं, लेकिन किराए पर कौन व कैसा व्यक्ति आया है, इसका पता नहीं होता।
पहले सट्टेबाज ने दी थी सेंट्रा ग्रीन को उड़ाने की धमकी
ऐसा ही एक मामला पहले भी सामने आ चुका है। जिसमें एक सट्टेबाज द्वारा पैसों के चक्कर में सेंट्री ग्रीन को उड़ाने की धमकी दी थी। जबकि वह सेंट्री ग्रीन में किराए के फ्लैट में रहता था। लोग किराया लेने के चक्कर में बिना वेरीफिकेशन किए किसी को भी फ्लैट रेंट पर देते हैं। लेकिन सोसाइटी को इस पर ध्यान देने की जरुरत है। क्योंकि डवेलपर की और से लोगों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाते हैं। लेकिन नौसरबाज उसे अपने अवैध धंधों के लिए इस्तेमाल करते हैं। एक व्यक्ति की गलती से पूरी सोसाइटी बदनाम होती है। जिसके चलते बदनाम हुई सोसाइटियों में बाद में कोई रहने तक नहीं आता।