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युवक को झूठे केस में फंसाने वाले इंस्पेक्टर खिलाफ हाईकोर्ट के आदेश, दो लाख देना होगा मुआवजा, सैलरी से होगी वसूली

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पैरासिटामोल को नशा बताकर दर्ज किया था गलत पर्चा

पंजाब 11 दिसंबर। पंजाब पुलिस एक तरफ जहां रोजाना नशा तस्करों को काबू करने के दावे करती है। वहीं, अब पुलिस की एक ऐसी करतूत सामने आई है कि जिसने सारी पुलिस फाेर्स को ही शर्मसार कर दिया है। सुनने में मामला काफी हैरान करने वाला है। एक व्यक्ति को पुलिस सब इंस्पेक्टर ने सलाखों के पीछे केवल इसलिए डाल दिया, क्योंकि व्यक्ति ने उसकी गाड़ी को निकलने का रास्ता नहीं दिया। हालांकि जब मामले कि फोरेंसिक रिपोर्ट आई तो पता चला कि आरोपी की जेब से कोई नशे की गोली नहीं बल्कि पैरासिटामोल निकली थी। इस मामले में अब पंजाब एंड हरियाणा ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि दो लाख रुपए का मुआवजा पीड़ित को दिया जाए। मुआवजे की 50 फीसदी राशि दोषी अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह के वेतन से वसूली जाएगी। डिजिटल रिकार्ड में याची का नाम छिपाने के आदेश दिए गए हैं।

इस तरह खुली इंस्पेक्टर की पोल

कपूरथला निवासी याची की तरफ से उच्च अदालत में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी। उसने बताया कि उसे झूठा केस दर्ज कर फंसाया गया। क्योंकि उसने एक अधिकारी को साइड नहीं दी थी, जो कि उसके पीछे कार में चल रहा था। यह मामला 25 जून 2024 का है। जबकि एफआईआर दो दिन बाद 26 जून को दर्ज की गई। उसे अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया। परिवार को सूचना तक नहीं दी गई। 13 सितंबर को पंजाब सरकार ने फॉरेंसिक रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी। जिसमें पता चला कि जब्त सामग्री एसिटामिनोफेन (पेरासिटामोल) थी।

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