अदालत ने मांगा स्पष्टीकरण, नौ साल पहले की घोषणा के बावजूद पीजीआई ने क्यों नहीं कराया स्थापित ?
चंडीगढ़, 26 अप्रैल। यहां पीजीआई में नेशनल हेल्थ इंस्टीट्यूट की स्थापना को लेकर अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने सीधे केंद्र सरकार से तलब किया है। यह आदेश उस जनहित याचिका पर दिया गया, जिसमें संस्थान की स्थापना में हो रही देरी को चुनौती दी गई।
जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता ने इसे मेडिकल क्षेत्र में पेशेवरों की
तैयारियों के लिए बेहद अहम बताया है। यह संस्थान पीजीआई में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने स्थापित करना था। गौरतलब है कि 18 मार्च, 2006 को इसकी घोषणा बावजूद अब तक कोई अमल नहीं किया। यह याचिका डॉ. जेसी मेहता द्वारा दायर की। जो इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटल इंजीनियरिंग इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने चंडीगढ़ में पीजीआई के अस्पताल अभियांत्रिकी विभाग की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. मेहता विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार भी रह हैं।
इस संस्थान में दो प्रमुख मास्टर डिग्री प्रोग्राम प्रस्तावित हैं। जिनमें पहला स्वास्थ्य सुविधा योजना एवं डिजाइन और दूसरा स्वास्थ्य देखभाल अभियांत्रिकी और प्रबंधन है। इन कोर्सेज में सिर्फ इंजीनियर या आर्किटेक्ट ही नहीं, बल्कि डॉक्टर, नर्स, मेडिकल टेक्नॉलॉजिस्ट सहित स्वास्थ्य क्षेत्र के अन्य पेशेवरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में पहले से इस तरह के प्रोग्राम चल रहे हैं। याचिका में मांग की गई है कि भारत सरकार जल्द इस संस्थान की स्थापना में ठोस कदम उठाए।
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