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चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी में हाथ से मैला उठाने के मामले में हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान

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यूनिवर्सिटी ने दाखिल किया हलफनामा, अब नहीं होगी कोई ऐसी घटना

चंडीगढ़ 28 नवंबर। यहां पंजाब यूनिवर्सिटी में हाथ से मैला उठाने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खुद संज्ञान लिया। नतीजतन बचाव में यूनिवर्सिटी ने बाकायदा हलफनामा दाखिलकर आश्वासन दिया है कि आइंदा यूनिवर्सिटी परिसर में हाथ से मैला उठाने की कोई घटना नहीं होगी।

जानकारी के मुताबिक यूनिवर्सिटी ने इस मामले में दाखिल हलफनामें अदालत को भरोसा दिलाया कि डॉ. बलराम सिंह बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा। दरअसल यह मामला उस समय सामने आया, जब चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल क्षेत्रपाल की पीठ ने खुद ही यूनिवर्सिटी परिसर में हाथ से मैला उठाने की घटना का संज्ञान लिया। बताते हैं कि सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस नागू ने पंजाब यूनिवर्सिटी के वकील से यह सवाल किया कि जब भारत में हाथ से मैला उठाने पर प्रतिबंध है तो ऐसी घटना आखिरकार कैसे हो गई।

जिस पर यूनिवर्सिटी के वकील ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि अब ऐसी कोई घटना नहीं होगी और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 अक्टूबर, 2023 को डॉ. बलराम सिंह मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को हाथ से मैला उठाने की प्रथा को पूरी तरह समाप्त करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे। जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस अरविंद कुमार की पीठ ने हाथ से मैला ढोने वालों के पुनर्वास और रोजगार के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को चौदह निर्देश जारी किए थे।

पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि पीड़ितों और उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए सक्रिय उपाय किए जाएं और उनकी छात्रवृत्ति व कौशल विकास कार्यक्रम सुनिश्चित किए जाएं।

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