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हाईकोर्ट ने मॉल के निर्माण पर लगाई रोक, नोटिस चिपकाए, निगम कमिश्नर को किया तलब

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मॉडल टाउन में रिहायशी इलाके में बन रहा अवैध मॉल

लुधियाना 17 सितंबर। नगर निगम के अवैध कार्यों के बारे में लुधियाना शहर के लोग अच्छी तरह जानकार हैं। निगम अधिकारियों के अवैध कार्य की और ताजा उदाहरण सामने आई है। जिसमें शहर के पॉश इलाके मॉडल टाउन के गुजरखां रोड पर एक धड़ल्ले से अवैध तरीके से मॉल बनाया जा रहा है। जबकि रिहायशी इलाका होने के चलते वहां कमर्शियल इमारत बन ही नहीं सकती। लेकिन फिर भी नगर निगम की छत्रछाया में उक्त मॉल के मालिक द्वारा एक-दो नहीं बल्कि 9 मंजिलां इमारत भी खड़ी कर डाली। जबकि उसके आगे इसका निर्माण अभी जारी है। इस मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की और से संज्ञान ले लिया गया है। इलाका निवासी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उक्त बिल्डिंग के निर्माण पर रोक लगा दी है। इसी के साथ साथ नगर निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को तलब भी कर लिया है। अदालत की और से केस की अगली तारीख 26 सितंबर डाली गई है। उक्त तारीख पर निगम कमिश्नर को खुद कोर्ट में पेश होने या वीडियो क्रांफ्रेस के जरिए पेश होकर इस अवैध निर्माण का जवाब देने के ऑर्डर किए गए हैं। वहीं बिल्डिंग के बाहर नोटिस भी लगाया गया है। हाईकोर्ट द्वारा ऑर्डर जारी करते यह भी कहा कि बिल्डिंग की फोटोज देखकर लगता है कि बड़े सत्र पर निर्माण कार्य चल रहा है। जिसके बाद काम को रोका गया।

कई बड़े अधिकारी फंसेगें
चर्चा है कि नगर निगम के नीचे सत्र से लेकर उच्च सत्र के अधिकारियों की मिलीभगत के बाद ही इस बिल्डिंग को पहले सीएलयू दिया गया था। जिसके बाद अधिकारियों की शह पर रिहायशी इलाका होने के बावजूद इस कमर्शियल इमारत का निर्माण कराया गया था। हालाकि हाईकोर्ट के संज्ञान लेने के बाद उक्त अधिकारियों को अब हाथ पांव की पड़ चुकी है। चर्चा है कि इस मामले के खुलासे के बाद कई अधिकारी जाल में फंसेगें।

लोगों ने कई शिकायतें की, निगम करता रहा हेरफेर
जानकारी के अनुसार इस बिल्डिंग के निर्माण के समय ही इलाके के लोगों द्वारा नगर निगम को कई शिकायतें की गई थी। लेकिन बिल्डिंग मालिक के साथ सेटिंग करने वाले अधिकारी उन शिकायतों को अपने पास ही रख लेते थे, ताकि दूसरे अधिकारियों तक वह पहुंच न सके। इसी कारण आज तक एक्शन नहीं हुआ। जिसके बाद लोगों द्वारा इस संबंधी में हाईकोर्ट का सहारा लिया गया।

एक की जगह दो मंजिलां बनाई जा रही थी बेसमेंट
चर्चा है कि उक्त बिल्डिंग के बाहुबली मालिक की और से पहले एक मंजिलां बेसमेंट बनाने की बात कही गई थी। जबकि नक्शा भी उसी तरीके से पास कराया गया था। लेकिन बाद में दो मंजिलां बेसमेंट बनानी शुरु कर दी गई। जिस कारण आसपास के घरों की दीवारों में दरारें आ गई थी। जिसके चलते लोगों ने इसका विरोध किया था। लेकिन फिर भी निगम ने एक्शन नहीं लिया। उल्ट मामला दबाने को बिल्डिंग मालिक ने लोगों के घरों खराब हुई दीवारें रिपेयर करानी शुरु कर दी गई थी।

निगम मते पर ही बांट रहा सीएलयू
वहीं इस मामले में यह भी बात निकलकर सामने आई है कि मॉडल टाउन की कोई भी रोड कमर्शियल नहीं है। नगर निगम द्वारा सड़कें कमर्शियल करने को मता डाला गया है। लेकिन उसे सरकार द्वारा मंजूर नहीं किया गया। निगम मते पर ही सड़कों पर कमर्शियल बिल्डिंगें बनाने के लिए सीएलयू बांटता चला जा रहा है। इसी तरह इस सड़क को भी कमर्शियल नहीं किया गया है। लेकिन निगम फिर भी अपनी मर्जी से सीएलयू बांट रहा है।

निगम में इंटेलिजेंट अधिकारियों की मकी
नगर निगम में इंटेलिजेंट अधिकारियों की काफी कमी नजर आ रही है। क्योंकि मौजूदा कर्मियों से लेकर अधिकारियों तक यह ही नहीं पता कि किस किस बिल्डिंग को सीएलयू दिया जा सकता है और किस जगह पर दिया जा सकता है। जिसके चलते शायद अधिकारियों को इस संबंधी ट्रेनिंग देने की जरुरत है। पंजाब सरकार को चाहिए कि हुशियार अधिकारियों को ही फिल्ड में उतारा जाए, ताकि लोगों से धक्केशाही न हो।

कांग्रेस नेता के पड़ोस और विधायक के हलके में हो रहा निर्माण
बता दें कि इस सड़क पर एक कांग्रेस नेता का घर मौजूद है। जबकि इमारत से कुछ दूरी पर ही घर और ऑफिस है। वह वॉर्ड के कौंसलर भी रह चुके हैं। लेकिन फिर भी उनके सामने सरेआम अवैध निर्माण होता रहा और रोका नहीं गया। वहीं आम आदमी पार्टी के विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू का यह हलका है। लेकिन उन्होंने भी इस कार्य को रोकने की जरुरत नहीं समझी। हालाकि इस संबंध में कई बार विधायक कुलवंत सिद्धू से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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