जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट में खुलासा, पंजाब सरकार भी जहरीले पानी को रोकने की कवायद में जुटी
लुधियाना 11 दिसंबर। बढ़ते प्रदूषण के चलते का भूमिगत जल लगातार जहरीला होता जा रहा है। जिसमें यूरेनियम के साथ ही फ्लोराइड की मात्रा भी अधिक है। जो दांतों व हड्डियों को कमजोर करने के साथ कैंसर की बड़ी वजह बन रहा है।
जानकारी के मुताबिक पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा की यह जानकारी बाकायदा केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा में पेश की रिपोर्ट में दी। मंत्रालय की तरफ से पेश केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 17 जिले पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा से बुरी तरह प्रभावित हैं। छह जिले पहले ही पानी में यूरेनियम की अधिक मात्रा से जूझ रहे हैं, जिसे कैंसर के केस बढ़ने का प्रमुख कारण बताया जा रहा है। पंजाब सरकार की तरफ से इन जिलों में ट्यूबवेलों की सूची भी तैयार की जा रही है। ताकि इनको बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
यहां गौरतलब है कि पंजाब के अमृतसर, बठिंडा, फरीदकोट, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, मानसा, मोगा, श्री मुक्तसर साहिब, नवांशहर, पटियाला, संगरूर, मोहाली और तरनतारन में स्टडी के दौरान पानी में अधिक फ्लोराइड से प्रभावित पाए गए थे। बोर्ड की तरफ से 922 सैंपल लिए गए थे, जिसमें से 127 में फ्लोराइड की मात्रा अधिक 1.5एमजी/एल पाई गई थी। इसी तरह 13.77 प्रतिशत सैंपल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा सामने आई थी।
मालवा क्षेत्र के जिलों के भूजल में यूरेनियम की अधिक मात्रा भी सामने आई थी। इनमें बठिंडा, फरीदकोट, मोगा, मुक्तसर, फिरोजपुर और मानसा शामिल हैं। प्रदेश में कैंसर के केस बढ़ने के लिए भी इसे प्रमुख कारण बताया गया था। यह मामला हाईकोर्ट में भी लंबित है और कोर्ट ने यूरेनियम का पता लगाने के लिए मालवा के अलावा पूरे पंजाब में भूजल की जांच के आदेश दिए थे।
राज्य सरकार ने यूरेनियम की अधिक मात्रा वाले जिलों में ट्यूबवेलों की सूची तैयार करने की भी प्रक्रिया शुरू की है। यूरेनियम की अधिक मात्रा वाले ट्यूबवेलों की सीलिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी, ताकि इनका पानी पीने से लोगों में बीमारियां फैलने का खतरा न बढ़े।
लोगों को साफ पानी प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से जल जीवन मिशन के तहत फंड भी जारी किया जा रहा है। केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2024-25 के तहत 644.54 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जिसके तहत विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। राज्य सरकार की तरफ से स्टेट शेयर के तहत भी 45.58 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। फ्लोराइड दांतों के लिए फायदेमंद तो होता है, लेकिन पानी में अधिक फ्लोराइड होने से कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जरूरत से अधिक फ्लोराइड के सेवन करने से डेंटल फ्लोरोसिस की समस्या हो जाती है। इससे दांतों की सतह पर सफेद धब्बे होने लगते हैं। डेंटल फ्लोरोसिस विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। साथ ही इससे हड्डियां कमजोर होने का भी खतरा बना रहता है।
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