हे मतदाताओं,उम्मीदवार पर सोच समझ कर होना राज़ी- जनहित,राष्ट्रहित मुद्दों पर लगाना बाज़ी !

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लोकसभा चुनाव 2024-छठवें चरण की नॉमिनेशन प्रक्रिया शुरु-आ देखें जरा,किसमें कितना है दम !

 

तीसरे चरण 7 मई 2024 को 94 सीटों के लिए फैसले की बाज़ी- वोटर्स किससे कितने राज़ी-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया

 

गोंदिया – विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत अपने 5 वर्षों में एक बार होने वाले सबसे बड़े चुनावी महापर्व के लिए पूरी तरह से तैयार है, जिसमें तीसरे चरण की 94 सीटों पर 7 मई 2024 को होने वाले चुनाव के लिए पूरी प्रक्रिया करीब करीब पूरी हो गई है,क्योंकि जो उम्मीदवार संसदीय क्षेत्र के लिए बचे हैं उनमें अब जनता देख रही है कि उम्मीदवार आपसी चुनाव प्रचार में कह रह रहे हैं कि आ देखें जरा किसने कितना है दम!दुनियां के सबसे बड़े चुनावी महापर्व में मीडिया भी जोरों शोरों से लगा हुआ है। मतदाता भी अब उम्मीदवारों को देखकर मंथन करने लग गया है कि किसे वोट देना है,व्यक्तिगत छवि या फिर राजनीतिक पार्टी!कई स्थानों पर पार्टियों के बागी उम्मीदवार उनका सिर दर्द बने हुए हैं। दूसरी ओर इस बार चुनाव आयोग भी अति सख़्ती बनाए हुए हैं, जिसमें आधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया गया है जिसमें 27 एप्स सहित आईटीसी का प्रयोग कर उम्मीदवारों के लिए आचार संहिता का पालन करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प बंद कर दिया गया है। चूंकि प्रथम चरण 7 मई 2024 को 94 सीटों पर चुनाव होना है,इसलिए राजनीतिक पार्टियां व उम्मीदवार पूरी ताकत के साथ चुनावी पर्व में रंग गए हैं कि अबकी बार 400पार और अबकी बार नई सरकार! सहित अनेक नारों से मतदाताओं को लुभा रहे हैं।चूंकि 7 मई 2024 को 94 उम्मीदवारों के फैसले की है बाज़ी,देखना है वोटर किससे कितने हैं,राज़ी इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी केसहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, हे मतदाताओं उम्मीदवार पर सोच समझकर होना राज़ी, जनहित राष्ट्रहित के मुद्दों पर लगाना है बाज़ी।

साथियों बात अगर हम राजनीतिक पार्टियों की इच्छाओं आकांक्षाओं के आंकलन की करें तो,पीएम की लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कम से कम 370 सीटों और पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के लिए अबकी बार, 400 पार की भविष्यवाणी के बारे में राजनीतिक हलकों में विभिन्न रूप से व्याख्या की जा रही है। एक विचार यह है कि वे 1984-85 में कांग्रेस पार्टीके 414 लोकसभा सीटों के रिकॉर्डको तोड़ना चाहते हैं, जहां तक 370 की बात है, तो यह अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने के उनकी सरकार के फैसले को भुनाने की एक रणनीति है।निश्चित रूप से विपक्षी खेमे का एक और दृष्टिकोण यह है कि ये अवास्तविक आंकड़े केवल नेताओं और मतदाताओं के बीच कमज़ोर दिल वाले लोगों को डराने के लिए हैं। विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह अहंकार का भी संकेत है, जिसका उल्टा असर हो सकता है, लेकिन विपक्षी दल के नेता केवल उम्मीद ही कर सकते हैं। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि पीएम सच में 370 का आंकड़ा पार करना चाहते हैं।आखिरकारजवाहरलाल नेहरू ने जो कांग्रेस के लिए सबसे बेहतरीन किया था वह 1957 में लोकसभा में था जब कांग्रेस को 371 सीटें मिली थीं। ये कांग्रेसी किसी तरह आश्वस्त हैं कि पीएम की सबसे बड़ी इच्छा नेहरू से आगे निकलने की है जो 16 साल 286 दिन तक प्रधानमंत्री रहे थे, इसलिए वे यह भी मानते हैं कि पीएम चौथे कार्यकाल के लिए भी तैयार हैं।खैर नेताओं को अटकलें लगाने से कौन रोक सकता है।

साथियों बात अगर हम 7 मई 2024 को होने वाले प्रथम चरण की 94 सीटों में वोटो के लिए प्रक्रिया पूरी होने की करें तो इस समय देश में 18वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया चल रही है। बता दें 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को पूरा हो रहा है। ज्ञात हो, भारत निर्वाचन आयोग ने 16 मार्च 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 18वीं लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पूर्ण मतदान कार्यक्रम की घोषणा की थी। आयोग के मुताबिक 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में सात चरणों में 1 जून तक मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।

साथियों बात अगर हम सख़्त आचार संहिता की करें तो आचार संहिता लगने के बाद किसी भी तरह की सरकारी घोषणाएं योजनाओं की घोषणा परियोजनाओं कालोकार्पण शिलान्यास या भूमिपूजन के कार्यक्रम नहीं किया जा सकता सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। किसी भी पार्टी, प्रत्याशी या समर्थकों को रैली या जुलूस निकालने या चुनावी सभा करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।कोई भी राजनीतिक दल जाति या धर्म केआधार पर मतदाताओं से वोट नहीं मांग सकता न ही वह ऐसीकिसी गतिविधि में शामिल हो सकता है जिससे धर्म या जाति के आधार पर मतभेद या तनाव पैदा हो।राजनीतिक दलों की आलोचना के दौरान उनकी नीतियों,कार्यक्रम पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए।अनुमति के बिना किसी की ज़मीन,घर,परिसर की दीवारों पर पार्टी के झंडे, बैनर आदि नहीं लगाए जा सकते मतदान के दिन शराब की दुकानें बंद रहती हैं। वोटरों को शराब या पैसे बाँटने पर भी मनाही होती है।मतदान के दौरान ये सुनिश्चित करना होता है कि मतदान बूथों के पास राजनीतिक दल और उम्मीदवारों के शिविर में भीड़ इकट्ठा न हों।शिविर साधारण हों और वहां किसी भी तरह की प्रचार सामग्री मौजूद न हो।कोई भी खाद्य सामग्री नहीं परोसी जाए।सभी दल और उम्मीदवार ऐसी सभी गतिविधियों से परहेज करें जो चुनावी आचार संहिता के तहत भ्रष्ट आचरण और अपराध की श्रेणी में आते हैं- जैसे मतदाताओं को पैसे देना मतदाताओं को डराना धमकाना, फ़र्ज़ी वोट डलवाना, मतदान केंद्रों से 100 मीटर के दायरे में प्रचार करना, मतदान से पहले प्रचार बंद हो जाने के बाद भी प्रचार करना और मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए वाहन उपलब्ध कराना।राजनीतिक कार्यक्रमों पर नज़र रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक या ऑब्ज़रवर नियुक्त करता है।आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग की इजाज़त के बिना किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं किया जा सकता है।आचार संहिता में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के आचरण, चुनावी सभा, रैली, जुलूस और रोड शो से जुड़े कायदे-क़ानून, मतदान के दिन पार्टियों और उम्मीदवारों के आचरण पर ध्यान होता है।आचार संहिता में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के आचरण चुनावी सभा, रैली, जुलूस और रोड शो से जुड़े कायदेक़ानून मतदानके दिन पार्टियों और उम्मीदवारों के आचरण मतदान बूथ के अनुशासन,चुनाव के दौरान ऑब्ज़रवर और सत्ताधारी दल की भूमिका का जिक्र इसमें है।

साथियों बात अगर हम सत्ताधारी दल के आर्टिकल 370 एक देश एक चुनाव सहित अनेक मुद्दों के साथ आंकलन की करें तो,370 एक पार्टी के राष्ट्रवाद के मुद्दे को भुनाने के लिए अच्छी संख्या है, जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में पीएम और गृह मंत्री के मन में वास्तविक संख्या 362 हो सकती है। यह 543 सदस्यीय लोकसभा में दो-तिहाई बहुमत।यह संख्या पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, जो पीएम के तीसरे कार्यकाल में एक देश, एक चुनाव को लागू करने के लिए ज़रूरी है।यह मानते हुए कि 4 जून को जनमत सर्वेक्षण जो दिखा रहे हैं वो सच साबित हो। रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति, जिसके ग्रहमंत्री भी सदस्य थे, ने एक साथ पूरे देश में चुनाव करवाने के लिए कई संवैधानिक संशोधनों का सुझाव दिया है। इनमें से अधिकांश संशोधनों को विशेष बहुमत से पारित करना होगा,कुल सदस्यों के 50 प्रतिशत से अधिक और सदन में उपस्थित और मतदान करने वालों के दो-तिहाई द्वारा। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों के अनुसार, एनडीए को लोकसभा में दो-तिहाई के आंकड़े तक आसानी से पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन पार्टी अपने दम पर वहां तक पहुंचना चाहती है।भला, किसी पर भी निर्भर क्यों रहा जाए, यहां तक कि सहयोगियों पर भी? पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि पार्टी के आंतरिक सर्वेक्षणों में इस स्तरपर उसकी सीटें 330 के आसपास आंकी गई हैं।जो भी हो, राज्यसभा में पार्टी की समस्या अभी भी अनसुलझी है।संसद के 245 सदस्यीय उच्च सदन में दो-तिहाई का आंकड़ा 164 है।आज इस सदन में पार्टी के 97 सदस्य हैं,जबकि सत्तारूढ़ एनडीए की संख्या 117 है, लेकिन जैसा कि हमने पीएम के दूसरे कार्यकाल में देखा है, ग्रह मंत्री ने राज्यसभा में अंकगणित को सरकार में काम में कभी भी आड़े नहीं आने दिया। 2024-29 के लिए सत्ताधारी पार्टी के एजेंडे में एक और बड़ा मुद्दा अगली जनगणना के बाद निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन है,जिसकी उम्मीद 2026 में लगाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र द्वारा प्रस्तुत एक हलफनामे के अनुसार, परिसीमन अभ्यास से लोकसभा की संख्या 888 सदस्यों और राज्यसभा की संख्या 384 तक बढ़ने की संभावना है।यह एक विवादास्पद मुद्दा है, दक्षिणी राज्य इस कदम का विरोध कर रहे हैं जिससे संसद में उत्तरी राज्यों का प्रतिनिधित्व बढ़ेगा, जिससेएक पार्टी को काफी फायदा होगा। जब तक अबकी बार, 400 पार एनडीए के लिए वास्तविकता नहीं बन जाती, तब तक इन सीटों को बढ़ाने के लिए संसदीय मंजूरी प्राप्त करना आसान नहीं होगा।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि हे मतदाताओं उम्मीदवार पर सोच समझ कर होना राज़ी-जनहित राष्ट्रहित मुद्दों पर लगाना बाज़ी!लोकसभा चुनाव 2024-प्रथम चरण की नॉमिनेशन प्रक्रिया पूर्ण- आ देखें जरा,किसमें कितना है दम! तीसरे चरण 07 मई 2024 को 94 सीटों के लिए फैसले की बाज़ी- वोटर्स किससे कितने राज़ी।

संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ गोंदिया महाराष्ट्र

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —

हरजोत सिंह बैंस और दीपक बाली द्वारा बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस से संबंधित समागमों के लिए निमंत्रण चंडीगढ़, 8 नवंबर पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री हरजोत सिंह बैंस और पर्यटन व सांस्कृतिक मामलों के विभाग के सलाहकार श्री दीपक बाली ने आज राधा स्वामी सत्संग डेरा ब्यास के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों को श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस दौरान श्री बैंस ने बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से 23 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले “सर्व धर्म सम्मेलन” में शामिल होने की अपील भी की। यह सम्मेलन श्री गुरु त़ेग बहादुर जी की धर्म (हक-सच) की रक्षा के लिए दी गई शहादत और आपसी भाईचारे के संदेश के व्यापक प्रसार के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। श्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की विरासत को पूर्ण श्रद्धा और सच्चे दिल से नमन करने के लिए इस समागम में विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक हस्तियों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों ने श्री गुरु त़ेग बहादुर साहिब जी की अनुपम शहादत और अमर विरासत को नमन करते हुए विनम्रता से पंजाब सरकार के निमंत्रण को स्वीकार किया। —