यूटर्न/7 सितंबर: शराब पर कई कहावतें, शायरी और गीत आपने अकसर सुने होंगे। कुछ शराब को अच्छा मानते हैं तो कुछ इसे बुराई समझते हैं। खैर ये तो बातें लोगों की बनाई हुई हैं। अब शराब को लेकर जो हम आपको बताने वाले हैं वह इन सब बातों से हटकर और बिल्कुल ही अलग है। वैसे तो हर घर में शराब को नकारा जाता है, लेकिन पंजाब में एक ऐसी जगह है जहां शराब को प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है। पंजाब के लुधियाना के जगरांव में ऐसा एक धार्मिक स्थल है, जहां लोगों में प्रसाद के तौर पर शराब पिलाई जाती है। जगरांव के गांव काउंके कला में बनी बाबा रोडे शाह की समाधि पर शराब को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसके चलते हजारों लोग बाबा रोडे शाह में लगने वाले मेले में पहुंच कर इस प्रसाद को ग्रहण करते हैं। जानकारी के अनुसार हर साल सितंबर में बाबा रोडे शाह की दरगाह पर मेला लगता है। मेले में दूर-दूर से भी लोग माथा टेकने आते हैं। मान्यता है कि यहां पर लोग मन्नत मांगते हैं और उनकी मन्नत पूरी भी होती है। मन्नत पूरी होने के बाद लोग दरगाह पर माथा टेकने आते हैं और शराब को प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। उसी शराब को बाद में भक्तों को प्रसाद के तौर पर बांटा जाता है।
हर ब्रांड की शराब को किया जाता है मिक्स
दरगाह पर लगने वाले मेले में यहां चढ़ाई गई हर ब्रांड की शराब को मिक्स किया जाता है। चाहे शराब की बोतल किसी भी ब्रांड की क्यों न हो उसे एक ही ड्रम में डाल दिया जाता और बिना किसी भेदभाव के इच्छुक सभी लोगों में बांट दिया जाता है।
एक नहीं दो दिन चलता है मेला
बाबा रोडे शाह की दरगाह पर लगने वाला मेला एक नहीं बल्कि दो दिन तक चलता है। दो दिन चलने वाले इस मेले में इस साल हजारों की गिनती में श्रद्धालु माथा टेकने आते हैं। दो दिन में दरगाह पर लाखों लीटर शराब प्रसाद के तौर पर चढ़ती और बांटी जाती है। इतना ही नहीं इस मेले में युवा से लेकर महिलाएं भी माथा टेकने आती हैं और प्रसाद के रूप में एक चंमच प्रसाद (शराब) के रूप में ग्रहण करते हैं।
लाइन लगा कर लेते हैं प्रसाद
बाबा रोडे शाह की दरगाह पर हजारों लोग माथा टेकने आते हैं, जिसके बाद लोग लाइन लगा कर प्रसाद लेते हैं। इस दौरान बाबा रोडे शाह के जयकारे लगाए जाते हैं। वहीं, अपनी मन्नत पूरी होने के बाद लोग हाथों में शराब की बोतलें, पेटियां, कैन आदि के साथ ढोल की थाप पर नाचकर खुशी मनाते हैं। इतना ही नहीं इस दौरान परिजन खुद अपने बच्चों को प्रसाद ग्रहण करने के लिए कहते हैं। जैसे शराब का प्रसाद चढ़ाने वालों की कमी नहीं होती उसी तरह प्रसाद लेने वालों की कोई कमी नहीं होती। हालांकि कुछ लोग ज्यादा प्रसाद लेने के बाद झूलते हुए भी नजर आते हैं।
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यहां शराब प्रसाद के तौर पर पीते हैं लोग, लाइनों में लगते हैं भक्त, पूरी होती है मन्नत
Kulwant Singh
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