ट्रांसजेंडर्स के हकों के मामले को लेकर हाईकोर्ट में लगी याचिका पर सुनवाई, सरकारों से जवाब-तलब

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पंजाब पुलिस ने हलफनामे में कहा, पुलिस स्टेशनों में ट्रांसजेडरों के अलग शौचालय या लॉकअप नहीं

चंडीगढ़24 अगस्त। पंजाब के पुलिस स्टेशनों और जेलों में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से शौचालय और लॉकअप का मामला तूल पकड़ गया है। इसी मांग को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। साथ ही इसे लेकर पंजाब सरकार को नोटिस भी भेजा गया। जिसके जवाब में पंजाब पुलिस का कहना है कि ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है।

जानकारी के मुताबिक वकील सनप्रीत सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में पहचाना जाता है। नालसा बनाम भारत संघ मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर ट्रांसजेंडर को किसी भी प्रकार के मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न से बचाने के लिए जेलों के अंदर अलग सैल, वार्ड, बैरक और शौचालय बनाए जाने चाहिएं। प्रत्येक पुलिस स्टेशन में अलग लॉकअप भी बनाए जाने चाहिए।

इस संवेदनशील मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति अनिल क्षेत्रपाल ने की। सुनवाई के बाद अगली तारीख 27 सितंबर निर्धारित की गई है। वहीं, इस मामले में पंजाब पुलिस ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना हलफनामा प्रस्तुत किया। जिसमें कहा गया कि जिलों के पुलिस स्टेशनों में ट्रांसजेंडर्स के लिए अलग लॉकअप का कोई प्रावधान नहीं है। इसी तरह कोई अलग शौचालय उपलब्ध नहीं हैं।

पुलिस ने दलील दी कि जब किसी ट्रांसजेंडर को पुलिस स्टेशन या हवालात में ले जाते है तो उनकी पहचान मेडिकल जांच या फॉर्म में ट्रांसजेंडर द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों के सत्यापन से तय होती है। जबकि याचिका में जेलों में ट्रांसजेंडर्स कैदियों के साथ यौन हिंसा का भी हवाला दिया गया। इसमें कहा गया है कि जेलों में बंद पुरुष कैदियों द्वारा ट्रांसजेंडर्स के साथ दुर्व्यवहार का एक बड़ा खतरा होता है। याचिका पर विचार करते हुए हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार और भारत सरकार से जवाब मांगा था।

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