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बुधवार को शंभू बॉर्डर खोलने पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई, किसान आंदोलन फिर केंद्र तक चर्चा में

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संसद में उठा यह मुद्दा, सियासत गर्माई किसान नेता डल्लेवाल के अनशन से, अदालत ने मांगी मेडिकल रिपोर्ट

चंडीगढ़ 17 दिसंबर। अब एक बार फिर किसान आंदोलन के चलते माहौल सरगर्म है। दस महीने से बंद हरियाणा और पंजाब का शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर बुधवार 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके अलावा 22 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा-गैर राजनीतिक के वरिष्ठ नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा। डल्लेवाल एमएसपी कानून की मांग को लेकर मरणाव्रत अनशन पर हैं।

जानकारी के मुताबिक पहले 17 दिसंबर को अदालत में सुनवाई होने की बात सामने आई थी। हालांकि इस मामले से जुड़े सीनियर एडवोकेट वासु रंजन शांडिल्य के मुताबिक पिछली बार कोर्ट ने मौखिक रूप से 17 तारीख कही थी, लेकिन जब ऑर्डर जारी हुआ था तो उसमें 18 तारीख मेंशन थी। यहां काबिलेजिक्र है कि 13 दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर तुरंत खोलने का आदेश देने से इंकार कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि पंजाब और हरियाणा सरकार किसानों को हाईवे छोड़कर किसी दूसरी जगह प्रदर्शन शिफ्ट करने या कुछ समय के लिए स्थगित करने के लिए मनाए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने किसान नेता डल्लेवाल की सेहत पर भी चिंता जताई थी। कोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया था कि वह डल्लेवाल को फौरन मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराए। उनका अनशन तुड़वाने के लिए कोई जबरदस्ती ना की जाए। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी डल्लेवाल का हाल जानने के लिए खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। दूसरी तरफ, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने पंजाब में बुधवार को दोपहर 12 बजे से तीन घंटे के लिए ‘रेल रोको’ आंदोलन की अपील की है। उन्होंने पंजाब के लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए कहा है। इसके अलावा कांग्रेसी सांसद मणिकम टैगोर ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल पर चर्चा के लिए मंगलवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया। कुल मिलाकर किसान आंदोलन एक बार फिर केंद्र तक चर्चा का विषय बना है।

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