चंडीगढ़ 29 अक्टूबर। पंजाब की मंडियों में धान की सही तरीके से लिफ्टिंग न होने के मामले की पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से जवाब दाखिल कर बताया है कि 31 अक्टूबर को पंजाब व केंद्र सरकार मीटिंग होने जा रही है। जिसमें इस मामले को हल करने की कोशिश की जाएगी। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि मामले का हल आपसी सहमति से किया जाए। क्योंकि यह मामला पूरे राज्य से जुड़ा हुआ है। पंजाब कृषि प्रधान राज्य है। इस दौरान पंजाब सरकार के वकील भी पेश हुए थे। जिन्होंने अपनी तरफ से किए गए इंतजामों को बताया। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि मार्च तक अन्य चावल को लिफ्ट कर लिया जाएगा। गत सुनवाई पर अदालत ने केंद्र, पंजाब सरकार और एफसीआई (FCI) को नोटिस जारी किया था। किसानों का संघर्ष अभी तक भी चल रहा है। हालांकि 4 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव 13 नवंबर को तय हैं, ऐसे में सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़े होने की कोशिश कर रही है।
चार लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग
सोमवार शाम को आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की। इस दल की अगुआई वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा कर रहे थे। उन्होंने गवर्नर से कहा कि केंद्र सरकार को कहा जाए कि धान की लिफ्टिंग में तेजी लाने के लिए प्रयास किए जाए। दूसरी तरफ सरकार ने दावा किया था कि सोमवार शाम तक 4 लाख मीट्रिक धान की लिफ्टिंग हो चुकी है। 7600 करोड़ रुपए किसानों के खातों में डाल दिए गए हैं। सरकार ने सभी मंडी में अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि धान की खरीद में तेजी लाई जाए। इससे पहले गत सप्ताह पंजाब सीएम भगवंत मान ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से मुलाकात की थी।