पंजाब 17 जुलाई। पंजाब में सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के मामले की सुनवाई पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में हुई है। इस मामले में अब हाईकोर्ट ने दायरा बढ़ा दिया है। कोर्ट ने हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन को भी केस में पार्टी बना दिया है। कोर्ट ने हरियाणा और चंडीगढ़ से भी उनके राज्यों में सरकारी अस्पतालों और डिस्पेंसरियों में खाली पड़े डॉक्टरों के पदों की जानकारी मांगी है। एमआरआई व अन्य सुविधाओं के बारे में भी हलफनामें में जानकारी देनी होगी। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।
सीटी स्कैन अन्य मशीनों की भी जानकारी मांगी
मालेरकोटला के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के मामले पर आज अदालत में सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने सीटी स्कैन और एमआरआई मशीनों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी। अदालत ने पूछा कि ये मशीनें निजी कंपनियों द्वारा संचालित की जा रही हैं या सरकार द्वारा। इसके संचालन का विस्तृत रिपोर्ट दी जाए। इसके साथ ही, राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के बारे में भी जानकारी देने का निर्देश दिया गया।
तीन हजार के पद डॉक्टरों के खाली है
भीष्म किंगर ने बताया कि जब उन्होंने मालेरकोटला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी देखी, तो उन्होंने याचिका दायर की थी। मालरेकोटला में अस्पताल में डॉक्टरों के पदों की संख्या अधिक थी, लेकिन वहां केवल चार डॉक्टर थे, जिनमें से कुछ की नाइट ड्यूटी होती है। याचिका लगाने के बाद उन्हें कई जगहों से फोन आने लगे कि उनके एरिया में भी डॉक्टरों की कमी है। इसके बाद, उन्होंने आरटीआई के माध्यम से पूरे पंजाब के सरकारी अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों की जानकारी मांगी। इस दौरान पता चला कि पंजाब में छह हजार डॉक्टरों के पद हैं, जिनमें से लगभग 2900 पद खाली पड़े हैं।