watch-tv

‘आग लगने पर ही कुआं खोदने’ का कायल सेहत महकमा

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

पटियाला में केक खाने से बच्ची की मौत का मामला
होने के बाद अब चलेगी बेकरियों में सैंप्लिंग-मुहिम

लुधियाना/यूटर्न/3 अप्रैल। शायद सूबे का सेहत महकमा ‘आग लगने पर ही कुआं खोदने’ का कायल है। पटियाला में केक खाने से एक बच्ची के बाद अब महकमे की टीमों का रुख बेकरियों की तरफ हो गया है। महकमे ने सभी जिलों में अपनी विभागीय टीमों को बेकरियों से केक-सैंप्लिंग की मुहिम चलाने की हिदायत जारी की है।
पटियाला-कांड के हफ्ते बाद जागे
यहां गौरतलब है कि पटियाला में एक बेकरी से लाया बर्थ-डे केक खाने से बच्ची की मौत का मामला 24 मार्च का है। इतने दर्दनाक हादसे के बावजूद सेहत महकमे ने लुधियाना में तो हफ्तेभर बाद यानि एक अप्रैल को बेकरियों की चैकिंग शुरु की। विभाग से आदेश आए हैं कि सभी बेकरी कारोबार करने वालों की चेकिंग की जाए। जिस जगह पर केक तैयार किए जा रहे हैं, उसकी भी वीडियोग्राफी कर फौरन रेड टीम अधिकारियों के वॉट्सऐप ग्रुप में रिपोर्ट करें। यहां पिछले 2 दिन में विभागीय टीमों ने 7 बेकरियों पर दबिश देकर चैकिंग की। जॉइंट कमिश्नर फूड सेफ्टी डॉ. हरजोतपाल सिंह के मुताबिक सोमवार व मंगलवार को राज्यभर में केक के सैंपल भरे गए हैं। लैब से सैंपलों की जो भी रिपोर्ट आएगी, उसके मुताबिक अगली कार्रवाई होगी।
लुधियाना में जिला सेहत अफसर डॉ. रिपुदमन कौर की अगुवाई में फूड टीम ने शहरी इलाकों से केक के 3 सैंपल लिए। दो दिनों में टीम ने सात बेकरियों की चेकिंग की। अभी तक कुल 6 सैंपल भरे हैं। बैकरी संचालकों को खान-पान का सामान तैयार करते समय सफाई रखने की हिदायत भी दी गई। यहां काबिलेजिक्र है कि पटियाला में जन्मदिन पर केक खाने से 10 साल की बच्ची की मौत हो गई थी। पुलिस ने केक सप्लाई करने वाले दुकान मालिक समेत 4 लोगों पर केस दर्ज कर 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था।
फेस्टिवल-सीजन में ही होती है लगातार सैंप्लिंग
पटियाला-कांड के बाद लोगों में खाने-पीने की चीजों वाले लोकल प्रोडक्ट्स को लेकर चिंता का माहौल है।
एक्टिविस्ट के अहम सवाल
सोशल एक्टिविस्ट कीमती रावल ने रोष जताते सवाल उठाया कि सेहत महकमा सिर्फ फेस्टिवल सीजन में फूड-सैंप्लिंग क्यों करता है। क्या बाकी दिनों में लोगों की सेहत को कोई खतरा नहीं होता है ? जबकि सैंप्लिंग के लिए महकमे के पास अफसरों-मुलाजिमों की फौज होती है, जिसको मोटी तनख्वाहें भी दी जाती हैं। सवाल यह भी है कि क्या केक पटियाला कांड से पहले फूड-आइटम नहीं था। वहीं, इंडस्ट्रियल सिटी लुधियाना में गली-गली फूड आइटम्स की मैन्युफैक्चरिंग होती है, क्या उनका पूरा रिकॉर्ड महकमे के पास है। इसी महानगर में बड़ी फूड-आइटम्स बनाने वाली यूनिटें भी हैं, वहां चैकिंग-सैंप्लिंग कभी होती है या नहीं, महकमा यह भी आम लोगों को बताए।
———–

Leave a Comment