दावेदार कर रहे धुंआधार प्रचार, मगर लोधी क्लब के चुनाव सवालिया घेरे में, जबकि सतलुज क्लब के अभी तय नहीं
लुधियाना 21 फरवरी। महानगर के प्रतिष्ठित क्लबों के चुनाव इनके मेंबरों के लिए एक तरह से सिरदर्द बने हुए हैं। दरअसल सतलुज क्लब के चुनाव अभी तक तय नहीं हुए। जबकि घोषणा के बावजूद लोधी क्लब के चुनाव को लेकर सवालिया निशान लगे हैं। इसके बावजूद कई महीने से दोनों क्लबों में चुनाव लड़ने वाले दावेदार धुंआधार तरीके से अपने प्रचार में जुटे है्ं।
कई-कई बार मेंबरों के द्वार जाकर प्रचार :
दोनों प्रतिष्ठित क्लबों के मेंबरों का सबसे बड़ा शिकवा यह है कि क्लबों में विभिन्न पदों के दावेदारों ने महीनों ले उनका दिन-रात का चैन उड़ा रखा है। दफ्तरों ही नहीं, उनके घरों तक कई-कई बार आकर वोट देने की अपील कर चुके हैं। चुनाव जीतने को उतावले कुछ दावेदार तो मैरिज पार्टी से लेकर श्मशानघाट में भी मौका मिलते ही अपरोक्ष रुप से वोट देने की अपील करने लगते हैं।
क्लबों में समाजसेवा करने का जज्बा क्यों ?
दोनों क्लबों के मेंबर्स और शहर के तमाम लोग इस मुद्दे पर चुटकियां भी ले रहे हैं। उनके मुताबिक क्लबों में चुनाव लड़ने वाले दावेदार समाजसेवा की दुहाई दे रहे हैं। हालांकि शहर की तमाम जनसमस्याओं को लेकर वह कुछ नहीं बोलते। किसी बड़े हादसे-आपदा के समय भी नदारद रहते हैं। ऐसे में लगता यही है कि क्लबों के ओहदेदार बनने के पीछ कोई ‘बड़ा-खेला’ तो जरुर है।
लोधी क्लब में नॉमिनेशन 24 फरवरी से :
डिप्टी कमिश्नर जितेंदर जोरवाल ने लोधी क्लब के चुनाव अनाउंस तो कर दिया। इस क्लब में ओहदेदारों के नॉमिनेशन 24-25 फरवरी को होंगे। जबकि सतलुज क्लब के चुनाव अभी घोषित नहीं हुए, जो मिड-मार्च में होने की संभावना है। ऐसे सतलुज क्लब में चुनाव लड़ने वाले दावेदार चिंतित है कि उनको कहीं प्रचार मुहिम ज्यादा महंगी ना पड़ जाए।
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