18 सितम्बर – अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी का यह गिरोह बीते दो साल से लाडवा में चल रहा था। पुलिस को मौके से 50 हाई-टेक कंप्यूटर मिले हैं। पुलिस ने 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक नीतीश अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि ठग अमेरिकी नागरिकों को अपनी ठगी का शिकार बनाकर प्रत्येक से एक हजार से लेकर चार हजार डॉलर तक की ठगी को अंजाम देते थे। पूरा गिरोह तीन स्तर पर चलता था पहले स्तर पर डायलर दूसरे स्तर पर क्लोजर और तीसरे स्तर पर इनका सरगना होता है। डायलर का काम नागरिकों से बात कर उन्हें झांसे में लेना होता है। उसे क्लोजर को पूरी जानकारी देनी होती है। क्लोजर नार्कोटिक्स अधिकारी बनकर बैंक खातों की डीटेल लेते थे और उन्हें एनडीपीएस एक्ट में उनके बैंक अकाउंट का प्रयोग होने की बात कहता था। घबराया नागरिक जल्दी से अपना पैसा निकालता और इनके कहने पर इनके खाते में ट्रांसफर कर देता। इस तरह से ये ठग करते थे। पुलिस अब जांच कर रही है कि यह अब तक कितने विदेशी नागरिकों को अपना निशाना बना चुके हैं और कितने डॉलर तक की ठगी कर चुके है। साथ ही पुलिस ने इनके सरगना तक पहुंचने के लिए तीन विशेष टीमों का गठन कर लिया है जो अलग-अलग स्थानों पर दबिश दे रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ने जनता से अनुरोध किया है कि साइबर अपराध से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करें।
