18 सितम्बर – केंद्र सरकार ने 22 सितंबर से जीएसटी दरों में कटौती का ऐलान किया है। ऐसे में, दाम कम हुए या नहीं, इसकी भी सख्त निगरानी की जाएगी। सेंट्रल और स्टेट जीएसटी विभाग के फील्ड अफसर बाजार में अचानक निरीक्षण करेंगे। वे उन चीजों को खरीदेंगे, जिनके दाम घटाने की घोषणा की गई है। यदि पाया गया कि टैक्स कटौती के हिसाब से कीमतें नहीं घटाई गईं, तो दुकानदारों को मिलने वाला टैक्स क्रेडिट ब्लॉक किया जा सकता है। मतलब ये कि व्यापारी अपने द्वारा खरीदी गई वस्तुओं या सेवाओं पर चुकाए गए जीएसटी को अपनी बिक्री पर लगने वाले टैक्स से समायोजित नहीं कर पाएगा। यानी उसे टैक्स के रूप में ज्यादा भुगतान करना पड़ेगा।
जहां दाम नहीं घटे पाए गए, उन दुकानदारों के खिलाफ विभाग उचित कार्रवाई करेगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स एण्ड कस्टम (CBIC) के पूर्व चेयरमैन विवेक जौहरी ने बताया कि सरकार ने साफ कहा है कि वह कंपनियों पर भरोसा करेगी कि वे कम किए गए जीएसटी का लाभ आम आदमी तक पहुंचाएं। इसके लिए सरकार तेजी से बहुत कम समय में कंपनियों के टैक्स रिफंड कर रही है।
हालांकि सरकार अपने स्तर पर निगरानी कर रही है। उसने सीजीएसटी के सभी प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर को 54 चीजों को सूची भेजी है। उनसे कहा गया है कि वे बाजार में रेट मॉनिटर करें। अगर दो-तीन हफ्ते में ग्राहकों की शिकायतें या खुद के स्तर पर पाया गया कि जीएसटी कट का फायदा आम आदमी को नहीं मिला तो कंपनियों के स्पेशल ऑडिट के ऑर्डर दिए जा सकते हैं। कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक कितना पहुंचा, इसे लेकर बड़ा अंतर दिखता है।
