9 अक्टूबर –मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन की गिरफ्तारी हो गई है। मामले में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई SIT की टीम ने बुधवार रात चेन्नई में दबिश देकर रंगनाथन को पकड़ा। SIT ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।
रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम था। वह अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। चेन्नई में रंगनाथन का चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग पर स्थित 2,000 वर्ग फुट का अपार्टमेंट सील कर दिया गया था, जबकि कोडम्बक्कम स्थित उनका रजिस्टर्ड ऑफिस बंद मिला था।
छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि एसआईटी, रंगनाथन को चेन्नई कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। इसके बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
उधर, कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। बुधवार (8 अक्टूबर) की दरमियानी रात छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के 3 वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था।
इस बीच कोल्ड्रिफ सिरप की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। तमिलनाडु डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल की रिपोर्ट में सामने आया है कि यह सिरप नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था।
जांच के दौरान कंपनी के मालिक ने मौखिक रूप से स्वीकार किया है कि उसने दो बार में प्रोपलीन ग्लायकॉल के 50 किलो के दो बैग खरीदे थे। यानी कंपनी ने 100 किलो जहरीला केमिकल खरीदा था। जांच में इसका न कोई बिल मिला है, न खरीद की एंट्री की गई। पूछताछ में जांच अधिकारियों को बताया गया कि भुगतान कभी कैश तो कभी गूगल पे (G-Pay) से किया था।
