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पीएयू में रखी गई इंटरनेशनल कांफ्रेंस को उप राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में गवर्नर और सीएम ने किया संबोधित

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सैकड़ों विशेषज्ञ पहुंचे, मनुख्यमंत्री और राज्यपाल ने जलवायु सुधारने, पानी बचाने पर दिया जोर

लुधियाना 12 नवंबर। मंगलवार को यहां पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल कांफ्रेंस रखी गई। जिसमें उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे, हालांकि उनका दौरा रद हो गया है।

ऐसे में इस इंटरनेशनल कान्फ्रेंस को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने संबोधित किया। सैकड़ों कृषि विशेषज्ञों की उपस्थिति में पीएयू के वाइस चांसल सतबीर सिंह गोसल ने सीएम मान और गवर्नर कटारिया को सम्मानित किया।

सीएम मान ने दीप प्रज्ज्वलित कर कान्फ्रेंस की शुरु कराने के बाद कहा कि पंजाब फूड बॉल है। 180 मीट्रिक टन चावल और 120 मीट्रिक टन गेंहू केन्द्र में हम भेजते हैं। देश में हरित कांति लाने के लिए पंजाबियों ने बहुत मेहनत की। चावल उगाने के लिए पंजाब के पानी का स्तर काफी नीचे चला गया, फिर भी पंजाबी देश के लिए खड़े है। पंजाबी जहां चले जाएं, वह कामयाब हो जाते हैं। जो इंटरनेशनल डेलीगेट्स यहां आए हैं, देख सकते है कि पंजाबी कैसे मेहनत करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने पूरी दुनिया घूमी है, लेकिन पंजाब जैसी उपजाऊ धरती कहीं नहीं मिली। क्लाइमेट अब बदल रहा है, इसलिए उसके मुताबिक ही काम करना होगा। जो डेलीगेशन आए, उनके साथ मिलकर हमारे वैज्ञानिक खास चीजे सीखेंगे। एक ही फसल को बोने के 4 तरीके आ चुके हैं।

मान ने चिंता जताई कि अधिकारियों के मुताबिक पिछले रिकार्ड का माल पड़ा है, कृषि के हालात बदतर हो रहे हैं। हम किसानों को जागरूक करते हैं कि पराली ना जलाएं। वे यह बात नहीं समझ रहे कि पराली का सबसे पहले जहरीला धुआं उनके अपने गांव से होकर जा रहा है। हमें उन फसलों की बुआई करनी चाहिए, जिसमें पानी का बहुत कम इस्तेमाल होता हो।

राज्यपाल कटारिया ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, भोजन सुरक्षा और ऊर्जा संरक्षण को लेकर आज देश और विदेश के माहिर यहां पहुंचे हैं। उनका हम स्वागत करते हैं। उप राष्ट्रपति का दौरा रद होने से पता चल गया कि जलवायु पर ध्यान देना कितना जरूरी है। साथ ही कहा कि सीएम भगवंत सिंह मान के चुटकलों ने लोगों को असल मुद्दों के साथ जोड़ा है। राज्यपाल ने चिंता जताई कि देश में सबसे बड़ी चुनौती ही जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन को खराब करने में हमारा ही दोष है। इंसान ने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की है। ओजोन परत में छेद हो चुका है। जलवायु परिवर्तन का असर अकेले भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में दिख रहा है। राज्यपाल कटारिया ने कहा कि चार दिन की जो चर्चा पीएयू में होनी है, उसका क्या निष्कर्ष निकला, उसकी कापियां जरूर उन्हें और सीएम मान को भेजी जाए। ताकि इन चर्चा को लोगों तक पहुंचाया जा सके। पंजाब भारत ही नहीं, बल्कि विश्व को अनाज निर्यात कर रहा है, ये गर्व की बात है। जलवायु के मुताबिक फसलों के पैटर्न को भी माहिरों के मुताबिक बदलना पड़ेगा। ऐसी फसलों की जरूरत है, जिसमें पानी की लागत कम हो।

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