पंजाब यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में राज्यपाल ने जताई चिंता, युवाओं को कमजोर किया जा रहा
चंडीगढ़ 24 जनवरी। यहां पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने नशे को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने इलजाम लगाया कि पाकिस्तान हमसे सीधे लड़ाई नहीं कर सकता, इसलिए उसने नशे का रास्ता निकाला।
पंजाब यूनिवर्सिटी में प्रोग्राम के दौरान मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने चिंता जताई कि हमारे युवाओं को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है। ताकि यहां पर बगावत का माहौल तैयार हो सके। इस दौरान मंच पर राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजया किशोर राहतकर भी मौजूद थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से पहले बड़े ड्रोन आते थे, जो गिरा दिए जाते थे। मगर, अब पाकिस्तान की तरफ से छोटे ड्रोन भेजे जा रहे हैं। हालांकि एंटी ड्रोन सिस्टम लगाए जा रहे हैं। पिछली बार गृहमंत्री ने आठ एंटी ड्रोन सिस्टम दिए थे, अब इनकी संख्या 26 कर दी गई हैं। हालांकि अभी 100 प्रतिशत नशा खत्म नहीं हुआ है।
राज्यपाल ने लॉ एंड ऑर्डर के मामले पंजाब की तारीफ करते कहा कि पंजाब में नार्कोटिक्स कॉन्विकशन पर्सेंट 80 से 85 प्रतिशत है। जबकि राजस्थान में 23 से 28 प्रतिशत ही है। सजा का प्रतिशत पंजाब में अच्छा है। राज्य में नशे की जो मात्रा पकड़ी जा रही है वो भी ज्यादा है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग और पंजाब यूनिवर्सिटी ने ड्रग के खिलाफ पंजाब में एक अभियान शुरू किया है। महिलाओं को नशे की वजह से सबसे ज्यादा कष्ट होता है। महिलाएं नशे के खिलाफ अधिक प्रभावशाली कार्य कर सकती हैं।
इस मौके राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन विजय किशोर राहतकर ने कहा कि पंजाब वीरों और संतों की भूमि है। पंजाब में पंजाब में नशे की वजह से युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। ऐसे में अब नशे के खिलाफ कुछ कार्यक्रमों का आयोजन करेगा। नशे के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत परिवार की महिलाओं को होती है जो मानसिक, आर्थिक के साथ-साथ शारीरिक भी है। पंजाब में आठ जिलों में नशा मुक्ति के प्रोग्राम शुर कर रहे हैं।
पहले चरण में बॉर्डर के साथ लगते आठ जिलों में शुरुआत की गई है। इसके बाद अन्य जिलों में कार्यक्रम किए जाएंगे। समाज के सभी वर्गों के साथ मिलकर सेमिनार किए जाएंगे। जो युवा नशे की गिरफ्त में आ गए हैं उनके लिए अलग कार्यक्रम और युवाओं को नशे की तरफ जाने से रोकने के लिए अलग प्रकार के कार्यक्रम किए जाएंगे।
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