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सरकार का यू टर्न : डिजिटल अटेंडेंस स्थगित, पंतनगर, इन्द्रप्रस्थ नगर एवं रहीम नगर और अन्य रिहाइशी इलाकों के नहीं टूटेंगे मकान 

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गुरू जी खुश, आम जन में भी हर्ष की लहर

 

शबी हैदर

 

लखनउ, 16 जुलाई :

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज दो महत्वपूर्ण निर्णय लिये। पहला सरकारी टीचर्स की डिजिटल अटेंडेंस और दूसरा कुकरैल नाले के इर्द गिर्द बसे रिहाइशी मकानों को तोड़े जाने का मामला। यह दोनो प्रकरण अतिसवंदेनशील हो चुके थे। टीचर्स किसी भी कीमत पर डिजिटल अटेंडेंस लगाये जाने का विरोध कर रहे थे। वहीं अकबर नगर को तोड़ने के बाद पंतनगर पहुंचे बुल्डोजर के चलते वहां के लोगों के दिलों की धड़कन बड़ गयी थी और वहां के लोग एलडीए के बुल्डोज़रों का पुरजोर विरोध कर रहे थे। डिजिटल सिग्नेचर पर टेंशन मे आये गुरू जी की समस्या का भी समाधान निकालने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी के गठन का निर्णय लिया गया है। यह कमेटी 2 महीने के भीतर स्थायी समाधान निकालेगी।

गुरू जी खुश, बैकफुट पर सरकार

सरकारी टीचर्स के लिए डिजिटल अटेंडेंस को फिलहाल दो महीनों के लिए स्थागित कर दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज एक मीटिंग का आयोजन किया गया। इस मीटिंग में बताया गया कि शिक्षकों की समस्याओं को सुनने के​ लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी में शिक्षा विभाग के अधिकारी शिक्षक संघ के सदस्य व शिक्षाविद आदि शामिल किये जाएंगें। यह लोग शिक्षाकों की ओर से प्रस्तुत कि गयी आपत्तियां और उसके समाधान को तलाशेगें। एक्सपर्ट कमेटी दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और उसी रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

गुरू जी थे आंदोलनरत

तमाम टीचर्स सीधे आर—पार की लड़ाई के मूड में आ गये थे। शिक्षक संघ भी ​सरकार के डिजिटल अटेंडेंस के निर्णय को नही मान रहा था। शिक्षकों ने धरना प्रदर्शन किया और सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब हो गये। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय सुदूर इलाकों में हैं ऐसे में वहा पहुंचने में देर सवेर हो ही जाती है। उनको मिलने वाली सीएल की संख्या बड़ायी जाये और हाफ सीएल की व्यवस्था हो।

 

नहीं टूटेंगे मकान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते एक माह से अपने सपनों के घर को तोड़े जाने की भ्रामक खबरों से परेशान पंतनगर, इन्द्रप्रस्थनगर एवं रहीमनगर आदि क्षेत्रों के लोगों की समस्या का समाधान कर दिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे प्रभावित परिवारों के भय और भ्रम का समाधान करते हुए ने मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थ नगर, वहां निवासरत लोगों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण जीवन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।

संबंधित प्रकरण में एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है। फ्लड प्लेन ज़ोन में निजी भूमि भी सम्मिलित है। लेकिन निजी भूमि को खाली कराने की न तो वर्तमान में कोई आवश्यकता है और न ही कोई प्रस्ताव है। निजी भूमियों में बने निजी भवनों के ध्वस्तीकरण का कोई विषय विचाराधीन नहीं है। यही नहीं, उन्होंने कहा कि फ्लड प्लेन जोन चिन्हींकरण के दौरान भवन निर्माणों पर लगाये गये संकेतों से आम जन में भय और भ्रम फैला है, इसका कोई औचित्य नहीं था और इसके लिए जवाबदेही तय की जाए। मुख्यमंत्री ने उक्त क्षेत्र में साफ-सफाई व जनसुविधाओं के विकास के लिए भी आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तत्काल क्षेत्र में विजिट करें, लोगों से मिलें और उनका भय और भ्रम दूर किया जाए। प्रभावित परिवारों से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर बेड विकसित करने में यदि कोई निजी भूमि पर बना भवन निर्माण आता है, जिसका प्रमाणित स्वामित्व किसी निजी व्यक्ति का है, उसे नियमानुसार समुचित मुआवजा देकर ही अधिग्रहीत किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिलने के बाद प्रसन्नचित परिवारों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया और ‘योगी हैं तो यकीन है’ के नारे भी लगाए।

 

बता दें कि कुकरैल नदी को प्रदूषण मुक्त एवं पुर्नजीवित करने के सम्बन्ध में सिंचाई विभाग द्वारा विगत दिनों एनजीटी के आदेशों के क्रम में नदी के फ्लड प्लेन जोन का चिन्हांकन किया गया है।

नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (NMCG) की अधिसूचना-2016 के क्रम में उक्त कार्यवाही की जा रही है। कुकरैल नदी के दो प्लेन चिन्हित किये गये हैं। पहला, नदी तल और दूसरा फ्लड प्लेन जोन। रिवर बेड लगभग 35 मीटर चौड़ाई में तथा फ्लड प्लेन जोन नदी किनारे से 50 मीटर तक सिंचाई विभाग द्वारा चिन्हित किया गया है। कतिपय व्यक्तियों द्वारा फ्लड प्लेन जोन के चिन्हांकन के सम्बन्ध में कई मिथ्या तथ्यों को प्रचारित किया जा रहा था, जिसे लेकर स्थानीय जनता में भय और भ्रम का माहौल था।

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