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लुधियाना सहित पूरे पंजाब में सरकारी डॉक्टरों ने रखी हड़ताल, ओपीडी बंद, सिर्फ इमरजेंसी-वर्क

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डाक्टरों ने पूरी तरह हड़ताल की सेहत मंत्री से लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिलने के बाद

लुधियाना 12 सितंबर। महानगर समेत पूरे पंजाब में वीरवार को भी सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल रखी। लुधियाना के सिविल अस्पताल में जारी डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन वीरवार को भी जारी रही। हालांकि बुधवार तक आंशिक हड़ताल रही थी, लेकिन वीरवार को पूरी तरह कामकाज ठप कर दिया गया।

डॉक्टरों ने हाथों में बैनर लेकर अस्पताल कैंपस में रोष मार्च भी निकाला। उन्होंने बताया कि पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन ने कल कैबिनेट सब-कमेटी और सूबे के सेहत मंत्री डॉ. बलबीर सिंह से मुलाकात की थी। पीसीएमएसए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिल सरीन के मुताबिक सेहत मंत्री ने सुरक्षा संबंधी मांगों को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार कर लिया और करियर में प्रगति का आश्वासन दिया। हालांकि इस पर कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया गया। सरीन ने कहा कि अब वीरवार से ओपीडी सेवा पूरी तरह बंद रहेगी।

गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों से डॉक्टर विरोधस्वरुप  रोजाना सुबह 8 से 11 बजे तक ओपीडी बंद रखते थे। डॉक्टरों के संगठन ने पहले कहा था कि अगर बुधवार की बैठक में मांगों का समाधान नहीं हुआ तो विरोध दूसरे चरण में प्रवेश करेगा। पीसीएमएसए की विज्ञप्ति में कहा गया कि विभाग ने पीसीएमएसए को आश्वस्त किया है कि सरकार की ओर से आज ही एक आधिकारिक पत्र जारी किया जाएगा। जिसमें एसीपी की बहाली पर कैबिनेट उप-समिति के निर्णय और सुरक्षा पर एक निश्चित रूपरेखा सहित बैठक के अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में बताया जाएगा।

हालांकि, सरकार से इस तरह के निश्चित आधिकारिक कम्युनिकेशन प्राप्त ना होने के कारण ओपीडी पूरे दिन के बंद रखी गई। आपातकालीन सेवाओं, पोस्टमार्टम, मेडिकोलीगल परीक्षा, अदालती साक्ष्य और न्यायिक चिकित्सा परीक्षाओं को छोड़कर सभी सेवाएं निलंबित रहेंगी। ओओएटी केंद्र भी केवल रोजाना की खुराक वितरित करेंगे।

सरकार की तरफ से आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल को 3 चरण में बदल दिया था। पहला चरण 9 से 11 सितंबर तक चला। अब दूसरा चरण 12 से 15 सितम्बर तक होगा। जिसमें ओपीडी सेवाओं को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 16 सितंबर के बाद तीसरा चरण होगा। इसमें डॉक्टर ओपीडी के साथ ही मेडिकल लीगल करने से भी साफ मना कर देंगे।

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