सरकार ने मांगे नशा तस्करों के नाम, पंचायत ने वापिस लौटाया फरमान, बोले-दुश्मनी बढ़ेगी

सरकार ने मांगे नशा तस्करों के नाम पंचायत ने लौटाया फरमान

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पंजाब 23 जून। फरीदकोट में पंचायत ने पंजाब सरकार के फरमान को मानने से साफ इनकार कर दिया। बेगूवाला गांव की पंचायत ने ग्राम सभा का आयोजन कर सरकार के ब्लाक विकास व पंचायत कार्यालय (बीडीपीओ) के माध्यम से पंचायत से एक फॉर्म में लिखित रूप में नशा तस्करों के नाम मांगे थे, ताकि उन पर पुलिस से कार्रवाई करवाई जा सके। ग्रामसभा ने सरकार के इस आदेश को रद्द करते हुए खुद के साइन कर खाली फॉर्म भेजने का फैसला किया है और पुलिस से ही भरवाने की सलाह दी है। जानकारी के अनुसार, पंजाब सरकार ने राज्य की सभी ग्राम पंचायतों को आदेश दिए है कि वह 30 जून तक अपने-अपने गांवों में ग्राम सभा की बैठक आयोजित कर विभिन्न मुद्दों के साथ साथ सरकार के नशे के खिलाफ युद्ध अभियान के प्रभाव के बारे में भी जानकारी दें। साथ ही गांव के नशा तस्करों की लिखित प्रोफार्मा में जानकारी भेजने के आदेश दिए थे, जिसका पंचायत यूनियन फरीदकोट ने विरोध किया।

नाम भेजने से तस्करों के साथ पैदा होगी दुश्मनी- सरपंच
गांव की सरपंच गुरप्रीत कौर ने कहा कि सरकार द्वारा जो फॉर्म उन्हें भेजे गए है,उन्हें वह साइन करके खाली ही बीडीपीओ को भेज रहे हैं। यदि वह किसी का नाम भरकर भेज देंगे तो इससे उनकी नशा तस्कर के साथ दुश्मनी बन जाएगी। हालांकि पंचायत ने निर्णय लिया है कि वह किसी भी नशा तस्कर की मदद नहीं करेंगे और न ही किसी को जमानत दिलवाएगा। सरपंच पति हरमेल सिंह ने कहा कि यह काम पुलिस को ही करना चाहिए। कुछ महीने पहले सादिक के एक गांव में युवकों ने नशा विरोधी कमेटी का गठन किया था और जब इस कमेटी ने नशा तस्करों का विरोध किया तो तस्करों ने कमेटी के एक सदस्य की हत्या कर दी थी।

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