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चार दिन की चांदनी, फिर वही…
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जो सफेद-खादी धारण कर कल तक जोड़ते थे हाथ
कल तक की बात है बस, फिर वही जुड़वाएंगे हाथ
चुनावी सीजन में वोटरों के लिए रही चार दिन की चांदनी
खत्म हो गई मौज, अब हर चीज वोटर को पड़ेगी मांगनी
—-बड़का वाले कविराय