घग्गर के आसपास बसे गांव में बीमारियां फैलने का खतरा रहा मंडरा
धग्गर और बुढा नाला में हो रहे प्रदूषण को लेकर विधानसभा कमेटी द्वारा जताई गई थी चिंता
जीरकपुर 17 Dec : नगर परिषद की लापरवाही व नलायाकि के कारण सीवरेज का गंदा पानी सुखना चौ में गिर रहा है और पानी को दूषित किया जा रहा है। परेशानी तो यह है के यहीं दूषित पानी आगे जाकर घग्गर नदी में मिक्स हो जाता है। नगर परिषद जीरकपुर द्वारा एनजीटी के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। चंडीगढ़ से आ रही यह सुखना चो बलटाना, गाजीपुर और नगला एरिया से होते हुए सीधी घग्गर नदी में समा जाती है। गाजीपुर एरिया में सुखना चो के ऊपर से निकल रही सीवरेज की पाइप लाइन दो से तीन जगह पंचर है। जिस कारण सीवरेज का गंदा पानी सुखना चो में मिक्स होकर सीधा घग्गर ने जा रहा है और पानी को प्रदूषित किया जा रहा है। यह कोई एक जगह नही बल्कि कई जगहों से सीवरेज का गंदा पानी सुखना चो में गिराया जा रहा है। आसपास के कई लोगों का तो यह भी कहना है के यह लाइन नगर परिषद द्वारा जान बूझकर पेंचर की गई है। क्योंकि शहर की आबादी इतनी ज्यादा हो गई है के नगर परिषद के पास सीवरेज के पानी को ट्रीट करने की कोई व्यवस्था ही नही है। लोगों का आरोप है के यह सब नगर परिषद के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है। एनजीटी के आदेशों के अनुसार घग्गर नदी का पानी साफ रहे इसके लिए सुखना चो में अनट्रीटेड वॉटर छोड़ने की साफ साफ मनाही है। लेकिन यहां सब उलट हो रहा है और सीवरेज का गंदा पानी सुखना चो में छोड़ा हुआ है। इसके इलावा शहर के कई रिहायशी व व्यपारिक प्रोजेक्टों द्वारा गंदा पानी सुखाना चो में गिराया जा रहा है। जिस तरफ नगर परिषद के अधिकारी ध्यान नही दे रहे हैं। बता दें के मई 2023 में पंजाब विधान सभा में पंजाब के पानी में बढ़ रहे प्रदूषण को रोकने के लिए घग्गर नदी व बुढ्ढा नाला के लिए एक मीटिंग की गई थी। जिसमें कई विधायक व अन्य कमेटी सदस्यों सहित हलका डेरा बस्सी के विधायक भी मौजूद थे। कमेटी द्वारा ऐसे लोगों खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की थी। लेकिन ऐसे महसूस होता है के इस का किसी के पास कोई हल्ल नही है।
बॉक्स
शहर की आबादी छह लाख का आंकड़ा पार कर गई है और शहर में इकलौता 17 एमएलडी का प्लांट है। वह भी पूरी तरह काम नही कर रहा है। क्योंकि पिछले तीन महीने से सिंहपुरा गांव में स्थित एमएलडी की रिपेयर के लिए बंद किया हुआ है और सीवरेज का गंदा पानी अनट्रीट किए बिना सीधा घग्गर में गिराया जा रहा है। वहीं सुखना चो में भी सीवरेज का गंदा पानी गिरा कर घग्गर नदी को ओर दूषित किया जा रहा है। जबकि एनजीटी द्वारा पंजाब सरकार को जुर्माना भी लगाया गया है और घग्गर नदी व बुढ्ढा नाला का केस अदालत में भी चल रहा है। इतना कुछ होने के बाद भी सरकारी अधिकारी इस तरफ ध्यान नही दे रहे हैं। क्योंकि यह जुर्माना उनकी जेब से ना जाकर सरकारी खाते में से जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है के नगर परिषद जीरकपुर को इस समय कम से कम 70 – 80 एमएलडी पप्लांट की जरूरत है। वैसे तो नगर परिषद द्वारा सनौली क्षेत्र में 22.5 एमएलडी का प्लांट लगाने पर काम शुरू किया था लेकिन गाजीपुर व सनोली क्षेत्र के लोगों द्वारा रिहायशी एरिया होने का हवाला देकर उसपर स्टे लगवा दी है। जिस का केस भी अदालत में चल रहा है। लोगों का कहना है के कुल मिलाकर नगर परिषद के अधिकारी सीवरेज के दूषित पानी का हल करने में नाकाम साबित हो रही है। जबकि नगर परिषद जीरकपुर के पास फंडस की कमी नही है।
बॉक्स
घग्गर के आसपास बसे गांव में बीमारियां फैलने का खतरा रहा मंडरा
घग्गर नदी का पानी पटियाला और राजपुरा के कई गांव में सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है ऐसे में दूषित पानी वहां जा रहा है जिससे
कि कैंसर और काला पीलिया जैसी बीमारियां घग्गर के आसपास बसे गांव
में फैलने का खतरा मंडरा रहा है।
कोट्स
मुझे तो ज्वाइन किए ज्यादा समय नही हुआ है। यह लाइन पेंचर नही की गई है बल्कि अपने आप पेंचर हो गई होगी। जिसके लिए हमने तीन महीने पहले सीवरेज बोर्ड को एस्टीमेट बनाने के लिए बोल दिया था। क्योंकि यह लाइन रिप्येर नही की जा सकती बल्कि पूरी लाइन ही दुबारा बनानी पड़ेगी। जिस पर टेक्निकल तरीके से काम किया जा रहा है। अभी हमने सीवरेज बोर्ड को 15 दिन का समय ओर दिया है, वह एस्टीमेट देंगे तो ही आगामी काम किया जाएगा।
अशोक पथरिया, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद जीरकपुर।