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राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्दबाजी में लागू करना ठीक नहीं- गहलोत

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शिवगंज

राजस्थान Nov 03 :- राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के शिक्षा संकूल परिसर के सभागार में शासन सचिव (स्कूली शिक्षा) कृष्ण कुणाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर आशीष मोदी एवं निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर सीताराम जाट की उपस्थिति में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर सुझाव के लिए बुलाई बैठक में संगठन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा नीति 2020 को जल्दबाजी में लागू करना ठीक नहीं होगा।

राजस्थान शिक्षक संघ(प्रगतिशील)के मीडिया प्रभारी गुरुदीन वर्मा के अनुसार संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया है कि प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा की उपस्थिति, विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में आयोजित बैठक में प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने राज्य सरकार को बताया कि देश में पहली बार शिक्षा नीति लागु नहीं हो रही हैं। 1986 की शिक्षा नीति की बात की जाये तो व्यावसायिक शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन हुआ। जिससे रोजगार के अवसर उपलब्ध हुए । राज्य में लगभग शिक्षा विभाग के विभिन्न संर्वगों के ढेड़ लाख पद खाली है। ऐसे में शिक्षानीति कितनी कारगर साबित हो सकती है लेकिन जल्द‌बाजी में केवल नीति का लागू करना ही मकसद नहीं होना चाहिए। गहलोत ने राज्य सरकार के आला अधिकारियों से राज्य में स्थाई तबादला नीति बनाकर नेत्रहीन शिक्षको को गृह जिले में पदस्थापन देने के अलावा शिक्षक संघ की सार्थकता शिक्षार्थी हित में होनी चाहिए। साथ ही महात्मा गाँधी राजकीय विद्यालय की राज्य में अच्छी साख व प्रतिष्ठा है अगर किसी स्तर पर कमी है तो सुधार किया जाना चाहिए। इन विद्यालयों की समीक्षा कर बंद करने का इरादा किसी भी स्थिति में संगठन स्वीकार नहीं करेगा। राज्य सरकार स्तर पर साढ़े तीन घन्टे चली चर्चा पर संगठन ने लिखित सुझावों का ज्ञापन भी शिक्षा सचिव एवं निदेशक मा.शिः बीकानेर को देकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संगठन की स्थिति स्पष्ट कर दी है।

इस अवसर पर विभाग के स्टॉफ आफिसर अरूण शर्मा, संयुक्त निदेशक ‌बीकानेर सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में विस्तृत चर्चा की गई।

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