SIT की रिपोर्ट में खुलासा, डीजीपी पंजाब के दावे हुए फेल
पंजाब 7 अगस्त। पंजाब पुलिस की और से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की इंटरव्यू को लेकर बड़े बड़े दावे किए गए। यहां तक कि पंजाब पुलिस के डीजीपी की और से भी प्रैस कांफ्रेस कर उसकी इंटरव्यू पंजाब पुलिस की कस्टडी में न होने की बात कही थी। लेकिन एसआईटी की और से कोर्ट में दायर की रिपोर्ट ने डीजीपी के दावों पर पानी फेर दिया। सिट की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई की पहली इंटरव्यू पंजाब पुलिस की ही कस्टडी में हुई थी। यह इंटरव्यू खरड़ में पुलिस कस्टडी में कराया गया था। जबकि दूसरी इंटरव्यू में लोकेशन बदल दी गई। जिसके बाद उसे राजस्थान की जेल में ले जाया गया। एसआईटी ने यह सीलबंद रिपोर्ट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को सौंपी थी। जिसे बुधवार को सार्वजनिक किया गया।
DGP ने प्रैस कांफ्रेस कर खारिज किया था दावा
गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू वर्ष 2023 में 14 और 17 मार्च को जारी किए गए थे। जिसके बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो इसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।
मूसेवाला कत्ल की ली जिम्मेदारी, फिर बैरक भी दिखाई
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है।