15 अगस्त 2024-लाल किले की प्राचीर से 11वीं बार देश को संबोधन-विकसित भारत@ 2047
भारतीयों नें 15 अगस्त की हुंकार भरी-लड़े वो वीर जवानों की तरह:ठंडा खून फौलाद हुआ,मरते मरते भी मार गिराए:तभी तो देश आजाद हुआ सराहनीय- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया – विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र और जनसंख्या तंत्र वाले देश भारत के स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 की गूंज पूरे विश्व में सुनाई दी,क्योंकि जिस तरह 9 से 15 अगस्त 2024 तक कश्मीर से कन्याकुमारी तक हर घर तिरंगा की गूंज दिखाई दी व राष्ट्रपति भवन से लेकर हर शासकीय व निजी इमारतें रंगो से महकती रोशनी में डूबी नज़र आई व भारत के अनेक शहरों का दूरदर्शन व अन्य मीडिया चैनलों पर पर कवरेज करते हुए 15 अगस्त 2024 के जुनून में मग्न आम जनता को दिखाया गया तो हर भारतीय ने गौरवविंत महसूस करते हुए अभूतपूर्व खुशी को रेखांकिंत किया।14 अगस्त 2024 को माननीय राष्ट्रपति महोदया ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया तो पूरा देश एकटक होकर उनकेसंदेश को अति ध्यान से सुना, व 15 अगस्त 2024 को लाल किले की प्राचीन से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 11वीं बार देश को संबोधन पर पूरे विश्व की नज़रें लगी हुई थी क्योंकि पिछले 10 वर्षों से उन्होंने जो लाल किले की प्राचीन से हुंकार भरी थी उसे भारत सहित पूरे विश्व ने देखा था जिसे हम नीचे पैराग्राफ में चर्चा करेंगे। चूंकि इस वर्ष की थीम विकसित भारत एट द रेट ऑफ 2047 व भारत की आजादी में लड़े वो वीर जवानों की तरह, ठंडा खून फौलाद हुआ, मरते मरते भी मार गिराए, तभी तो देश आजाद हुआ यह हुंकार 15 अगस्त 2024 को हर भारतीय ने भरी यह लाइन मैने अरुण वॉट्सएप ग्रुप से उठाई थी, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे, कश्मीर से कन्याकुमारी तक चारों ओर ये भारत देश है मेरा..की गूंज।
साथियों बात अगर हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त भारतीयों के लिए शुभ दिन होने की करें तो इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने का अवसर मिलता है। चूंकि यह राष्ट्रीय अवकाश होता है,इसलिए ध्वजारोहण समारोह के बाद सभी क्षेत्रीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर के सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। व्यावसायिक दुकानें भी बंद रह सकती हैं। या, संचालन के घंटे कम किए जा सकते हैं। देश भर के स्कूल और कॉलेज छात्रों और पुरस्कार विजेताओं के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।ऑनलाइन, प्रिंट और प्रसारण चैनलों द्वारा विशेष प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों से संबंधित सिनेमा टेलीविजन पर दिखाए जा सकते हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर,भारतीय राष्ट्रपति देश को संबोधित करते हैं। दिल्ली में,भारतीय प्रधानमंत्री ध्वजारोहण समारोह में भाग लेकर लाल किले पर राष्ट्र को संबोधित भी करते हैं। राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और कार्यक्रमआयोजित किए जाते हैं। कलाकार अपनी छिपी प्रतिभा को प्रदर्शित करने और पहचान और पुरस्कार पाने के इस अवसर का लाभ उठाते हैं। कुछ स्थानों पर, स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सम्मानित किया जाता है।भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 को 15 अगस्त 1947 को यूनाइटेड किंगडम (यूके) संसद द्वारा पारित किया गया था। न्यायिक संप्रभुता भारतीय संविधान सभा को हस्तांतरित कर दी गई थी। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के पिता किंग जॉर्ज VI ने देश के पूर्ण रिपब्लिकन संविधान मेंहस्तांतरण समाप्त होने तक राज्य का नेतृत्व करना जारी रखा।भारत ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में ब्रिटिश प्रशासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए कड़ा संघर्ष किया,जिन्हें आज राष्ट्रपिता के रूप में मान्यता प्राप्त है।भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास भारत 200 से अधिक वर्षों तक ब्रिटिश शासन के अधीन था। देश विदेशी शासकों से स्वतंत्रता पाने के लिए बेताब था 1857 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के कानून के खिलाफ़ पहला धर्मयुद्ध हुआ। बाद में भारत की आज़ादी के लिए चलाए गए इस अभियान को कई नामों से पुकारा गया, जिनमें भारतीय विद्रोह,1857 का विद्रोह, महान विद्रोह और भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम शामिल हैं।मोहनदास करमचंद गांधी की भूमिका अंग्रेजों से आजादी पाने में महत्वपूर्ण थी। देश भर में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने उनका अनुसरण किया। जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्रता के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
साथियों बात अगर हम प्रतिवर्ष लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण की करें तो,भारत के प्रधानमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर भारतीय ध्वज फहराते हैं।उसके बाद, माननीय प्रधानमंत्री भारत के लोगों, उनके बलिदानों, उपलब्धियों, चुनौतियों के साथ-साथ देश के लिए सरकार के दृष्टिकोण को स्वीकार करते हुए सम्बोधन करते हैं।राष्ट्रीय ध्वजफहराना एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देश के विकास के साथ-साथ ब्रिटिश शासन के अंत की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है।लाल किले पर होने वाला यह आयोजन उन स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान और श्रद्धांजलि देने का एक तरीका है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के जश्न में देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों द्वारा शानदार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी जाती हैं। ये सभी प्रस्तुतियां नृत्य, संगीत और विभिन्न अन्य पारंपरिक कला रूपों के माध्यम से भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करती हैं। ये प्रस्तुतियां एक ऊर्जावान और देशभक्तिपूर्ण माहौल बनाती हैं जो कार्यक्रम के उत्सव के मूड को और बढ़ा देती हैं। भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर देश को संबोधित किया जिसमें 6 हज़ार से अधिक मेहमानों की उपलब्धि सराहनीय रही। प्रधानमंत्री के रूप में स्वतंत्रता दिवस पर पीएम का यह लगातार 11वां भाषण हुआ।
साथियों बात अगर हम पिछले 10 वर्षों से लगातार ध्वजारोहण व वर्तमान हैट्रिक@3.0 पीएम द्वारा ध्वजारोहण करें तो इससे पहले 10 साल के भाषणों में उन्होंने कई अहम घोषणाएं लाल किले से की हैं और कई अहम अभियानों की शुरूआत की है। 2015: पीएम ने 2015 में अपने दूसरे स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कई इलाकों में बिजली न होने की बात कही थी और कहा कि उनकी सरकार अगले 1000 दिनों में उन 18,500 गांवों में बिजली पहुंचाएगी,जहां बिजली नहीं है। साथ ही पीएम ने बताया था कि काले धन और विदेशी संपत्ति कानून कीअनुपालन खिड़की के तहत 6500 करोड़ रुपये का खुलासा किया गया था। 2016, पीएम मोदी ने 2016 के भाषण में घोषणा की कि सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के लिए पेंशन 20 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। साथ ही पीएम ने कहा कि गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के लिए सरकार प्रति वर्ष 1 लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी, ताकि उनकी स्वास्थ्य देखभाल की जरूरतों का ध्यान रखा जा सके।2017: तंत्र लोक से नहीं, लोक से तंत्र चलेगा पीएम ने 2017 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर काला धन के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बारे में बताते करते हुए कहा था कि वर्षों से बेनामी संपत्ति रखने वालों के लिए कोई कानून पारित नहीं किया गया था, लेकिन हाल ही में बेनामी अधिनियम पारित होने के बाद बहुत कम समय के भीतर सरकार ने 800 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति जब्त कर ली है। 2018:2018 के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम ने जीएसटी की शुरूआत की सराहना करते हुए कहा था कि 70 वर्षों की अवधि के लिए अप्रत्यक्ष कर अधिकारी 70 लाख राजस्व जुटाने में सक्षम थे, लेकिन जीएसटी लागू करके हम एक साल के अंदर 16 लाख का राजस्व जुटाया है। पीएम ने लाल किले की प्राचीर से बताया था कि 2013 तक प्रत्यक्ष कर दाता केवल 4 करोड़ लोग थे, जिसकी संख्या दोगुनी होकर 7.25 करोड़ हो गई है।2019: बढ़ती जनसंख्या पर पीएम ने जताई थी चिंतालोकसभा चुनाव 2019 में दोबारा सत्ता में चुनकर आने के बाद दूसरे कार्यकाल का यह पीएम मोदी का पहला भाषण था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि नई सरकार को अभी 10 सप्ताह भी पूरे नहीं हुए हैं, लेकिन इतने कम समय में हमने हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने दूसरी बार पीएम बनने के बाद अपने पहले भाषण में कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया जाना सरदार पटेल के सपने को साकार करने की दिशा में एक कदम है। साथ ही पीएम ने भाषण में तीन तलाक खत्म होने की जरूरत पर भी जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर हम सती प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या और दहेज के खिलाफ कदम उठा सकते हैं तो तीन तलाक के खिलाफ क्यों नहीं। तीन तलाक खत्म होने से मुस्लिम महिलाओं को बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी।2020: इस साल में स्वतंत्रता दिवस के वक्त पूरी दुनिया समेत भारत भी कोरोना महामारी के संकट से जूझ रहा था। इस दौरान पीएम ने अपने भाषण में कहा था कि हम एक असाधारण स्थिति से गुजर रहे हैं। आज बच्चे,भारत का उज्ज्वल भविष्य, मेरे सामने नहीं हैं। क्यों? ऐसा इसलिए है क्योंकि कोरोना ने सभी को रोक दिया है।पीएम ने कहा था कि कोरोना के इस काल में वह लाखों डॉक्टरों,नर्सें,सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस ड्राइवर और अनय कोरोना योद्धाओं कोसलाम करते हैं। साथ ही पीएम ने लाल किले से एलान किया था कि उनकीसरकार ने 1000 दिन के अंदर गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।2021: स्वतंत्रता दिवस 2021 के मौके पर पीएम ने बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने इस दौरान जल्द ही राष्ट्रीय मास्टर प्लान या गति शक्ति लॉन्च करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की इस योजना से लाखों युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध होंगे।2022:केंद्र सरकार ने 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का फैसला किया था। इसे लेकर पीएम मोदी ने लाल किले से दिए अपने भाषण में कहा था कि हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने के अभियान के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा,हर गांव से लोग इस अभियान से जुड़ रहे हैं और अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लोग अपने प्रयासों से अपने-अपने गांवों में जल संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चला रहे हैं।2023:प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था कि उन्हें विश्वास है कि 2047 में जब भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा तो यह एक विकसित राष्ट्र होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मोदी की गारंटी है कि भारत अगले पांच वर्षों में तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएगा।उन्होंने इस दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का आह्वान करते हुए कहा था कि इसने भारत की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित किया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहना उनकी जीवन भर की प्रतिबद्धता है। पीएम ने दावा किया कि पांच साल में 13.5 करोड़ से अधिक गरीब लोग गरीबी से बाहर आकर मध्यम वर्ग का हिस्सा बन गए।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि 15 अगस्त 2024-लाल किले की प्राचीन से 11वीं बार देश को संबोधन-विकसित भारत@ 2047कश्मीर से कन्याकुमारी तक चारों ओर,ये भारत देश है मेरा…की गूंज।भारतीयों नें 15 अगस्त की हुंकार भरी-लड़े वो वीर जवानों की तरह: ठंडा खून फौलाद हुआ,मरते मरते भी मार गिराए:तभी तो देश आजाद हुआ,सराहनीय हैं।
*-संकलनकर्ता लेखक – कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र*