काला पानी का मोर्चा: बुड्ढा दरिया में डाइंग के पानी को गिरने से रोकने के लिए प्रदर्शन
प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ धक्का मुक्की, कईयों की दस्तारें उतरी
(कुलवंत सिंह)
लुधियाना 3दिसंबर। काले पानी दा मोर्चा के बैनर तले पर्यावरण प्रेमी लुधियाना में बुड्ढा दरिया में गिर रहे डाइंग के पानी को रोकने के लिए मंगलवार को फिरोजपुर रोड और ताजपुर रोड पर जुटे। दरअसल, काला पानी मोर्चा व लक्खा सिधाना की और से तीन दिसंबर दो बुड्ढा नाला में बांध लगाने का ऐलान किया था। लेकिन तीन दिसंबर को तड़के ही पुलिस ने मोर्चे में शामिल होने वाले प्रमुख समाजसेवियों को घरों व रास्ते से हिरासत में लेना शुरु कर दिया। इस दौरान मोर्चे में शामिल होने आ रहे लक्खा सिधाना को मुल्लापुर के पास ही घेरकर हिरासत में ले लिया। पुलिस विभाग की और से करीब दो हजार पुलिस मुलाजिम शहर में तैनात कर किलाबंदी कर दी। इस दौरान शहर में आने वाले हर प्रदर्शनकारी को हिरासत में लेना शुरु कर दिया। 100 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए। इस दौरान सांसद अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह भी धरने में शामिल हुए। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों द्वारा फिरोजपुर रोड पर वेरका मिल्क प्लांट के पास ही धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया गया और चारों तरफ से रोड जाम कर रहे। शहर के हालात पर कंट्रोल करने के लिए पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल खुद सड़कों पर उतरे। इस प्रदर्शन की अगुवाई अमितोज मान द्वारा की गई। जिसके बाद एडीसी अमरजीत सिंह बैंस मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। जिसके बाद उनसे सात दिन के अंदर अंदर बुड्ढा नाले में गंदा पानी फेंकने वालों पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया। इसी के साथ तीनों सीईटीपी प्लांट बंद करने पर सहमति हुई है। जिसके बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए।
लक्खा सिधाना के आने के बाद हटा धरना
वहीं प्रशासन द्वारा आश्वासन देने के बावजूद प्रदर्शनकारी डटे रहे। हजारों की गिनती में मौजूद प्रदर्शनकारियों द्वारा मांग की गई कि पहले लक्खा सिधाना समेत बाकी साथियों को पुलिस हिरासत से छोड़े और मौके पर बुलाया जाए। जिसके बाद वह प्रदर्शन खत्म करेगें। जिसके बाद अधिकारियों द्वारा लक्खा की फोन पर बात करवाई गई। रात करीब आठ बजे लक्खा सिधाना समेत बाकी लोगों को मौके पर बुलाया गया। जिसके बाद धरना प्रदर्शन खत्म हुआ।
रूट डायवर्ट प्लान न होने से जाम में फंसे रहे लोग
जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा पूरे शहर में किलाबंदी व नाकाबंदी तो कर दी गई। लेकिन रूट डायवर्जन प्लान बनाना भुल गए। ऐसे में सुबह से लेकर रात तक लोग ट्रैफिक जाम से जुझते रहे। प्रदर्शनकारियों द्वारा फिरोजपुर रोड पर जाम लगाने से लोगों को और परेशानी झेलनी पड़ी। घंटों लोग जाम में फंसे रहे। लेकिन यदि पहले पुलिस इसका प्लान तैयार रखती तो लोगों को दिक्कत न आती।
पुलिस के साथ हुई धक्का मुक्की
इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। पुलिस द्वारा कई महिला प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। इसके अलावा ताजपुर रोड पर भी निहंग सिंह पहुंचे थे, उनकी भी पुलिस से बहस हुई, धक्का मुक्की भी हुई। इस दौरान कई लोगों की दस्तारें भी उतर गई। वहीं सीआईए-3 इंचार्ज नवदीप सिंह समेत कई पुलिस मुलाजिम भी जख्मी हुए। ताजपुर रोड पर भी मोर्चे के सदस्यों ने धरना लगाया। लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोका।
सरकार पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं
काले पानी दा मोर्चा के जसकीरत सिंह का कहना है कि आज के एक्शन से साफ हो गया है कि सरकार पर्यावरण सुधारने को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के कारण मानव जीवन पर असर हो रहा है। लोगों को बेहतर वातावरण देने के लिए यह लड़ाई लंबी चलेगी। संगठन बुड्ढा दरिया में प्रदूषण को लेकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने में कामयाब रहा है।
डाइंग इंडस्ट्री ने भी लगाई स्टेज, किया इकट्ठ
वहीं दूसरी तरफ ताजपुर रोड पर भी डाइंग इंडस्ट्री द्वारा लोगों की भारी भीड़ जमा की गई थी। यहां तक कि वहां स्टेज, टैंट और लंगर का इंतजाम भी किया गया था। इंडस्ट्री का कहना था कि अगर कोई उनके घर आकर धक्केशाही करेगा, तो वह इसका जवाब देगें। लेकिन पुलिस द्वारा स्थिति पर काबू पाने के लिए पहले ही वहां फोर्स तैनात करके बैरिकेडिंग कर दी थी।