पंजाब/यूटर्न/2 अगस्त: पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को ईडी ने शुक्रवार को आशु को संविधान चौक के पास कोर्ट में पेश किया गया। जहां से दोनों तरफ की तकरीरों को सुनने के बाद आशु को 5 दिन के ईडी रिमांड पर भेज दिया गया। ज्ञात रहे कि गुरूवार को आशु को ईडी ने जालंधर स्थित पूछताछ हेतू दफतर में बुलाया था,जहां पर 9 घंटे की पूछताछ के बाद उसकी गिरफतारी डाल दी गई थी। आशु से ईडी ने विदेशी ट्राजैक्षन सबंधी पूछताछ की थी,जिसका वेरवा आज ईडी के वकील ने अदालत में भी रखा,जबकि बचाव पक्ष के वकील का कहना था कि यह राजनिति वश किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि आशु ईडी के सवालों का जवाब नहीं दे पाए। ईडी पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान मंत्री रहते हुए आशु की बढ़ी हुई संपत्ति की जांच कर रही है। सूत्रों के अनुसार ईडी अधिकारियों के सामने विदेशों में कुछ लेनदेन की बात सामने आई है। जिससे आशु की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी अब उन खाताधारकों की समीक्षा करने में जुटी है, जिनके खातों में पैसे ट्रांसफर हुए हैं। ईडी विधानसभा चुनाव से पहले आशु द्वारा सार्वजनिक किए गए उनकी संपत्ति के हलफनामों का भी मौजूदा संपत्ति के साथ मूल्यांकन कर रही है। ईडी आने वाले दिनों में आशु के कुछ करीबियों से भी पूछताछ कर सकती है।
ईडी अधिकारी जे.पी सिंह
इस मामले संबंधी ईडी के अधिकारी जे.पी सिंह ने कहा कि मनी लांड्रिंग टेंडर घोटाले के तहत भारत भूषण आशू को गिरफतार किया गया है और वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए हैं जिस कारण उनकी गिरफतारी की गई है। उन्होंने कहा है कि मीडिया को प्रेस नोट के जरिए जानकारी दी जाएगी। अदालत में ईडी ने 7 दिन का रिमांड मांगा था,जबकि अदालत ने उनको 5 दिन के रिमांड पर भेज दिया है।
भारत भूषण आशु की राजनितक हिस्ट्री
भारत भूषण आशु वर्ष 1997 में लुधियाना के वार्ड नंबर 48 से नगर पार्षद चुने गए थे। वर्ष 2012 में, उन्हें लुधियाना पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लडऩे के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का टिकट आवंटित किया गया और वे पंजाब विधानसभा में उप कांग्रेस विधायक दल के नेता बने। वर्ष 2017 में फिर से उन्होंने आम आदमी पार्टी के अहबाब ग्रेवाल को 36,521 मतों के अंतर से हराया। वह पंजाब सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के कैबिनेट मंत्री थे। 2022 में, वह लुधियाना पश्चिम से आप उम्मीदवार गुरप्रीत बस्सी गोगी से 7500 से अधिक मतों से चुनाव हार गए।
कब विवादों में घिरे आशु
आशु को उनके गुस्से भरे स्वभाव के लिए लगातार आलोचना का सामना करना पड़ता रहा है। जनवरी 2019 में, आशु को एक सार्वजनिक समारोह में महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करते हुए मीडिया द्वारा सार्वजनिक रूप से देखा गया। इस घटनाक्रम की सोशल मीडिया पर वीडियो भी काफी वायरल हुई थी। फरवरी 2019 में, आशु द्वारा इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के तत्कालीन डीएसपी और सुपरीडेंट इंजीनियर को धमकाने की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी खूब वायरल हुई थी। अक्टूबर 2019 में, आशु पर उपचुनाव की तैयारियों के दौरान अपनी ही पार्टी के स्वयंसेवक की पिटाई करने का आरोप लगाया गया था और अब आशु ट्रांसपोर्ट टेंडर घोटाले के आरोपों में घिरे है।
पांसद चन्नी,वडिंग व प्रगट क्या बोले
पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु की ईडी द्वारा गिरफ्तारी डाले जाने के बाद अभी तक पंजाब प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग, विधायक परगट सिंह, विधायक सुखविंदर कोटली और पूर्व विधायक राजेंद्र बेरी रात को पहुंचे लेकिन उन्हें आशु से मिलने का मौका नहीं मिला। आज भी वह अदालत में पहुंचे हुए थे। इन नेताओं का कहना था कि पहले आम आदमी पार्टी ने आशु के खिलाफ मामला दर्ज किया व उनको 16 महीने तक जेल में रखा,जब चालान पेश किया गया तो 2000 करोड के घोटाले की बजाये 2 लाख का घोटाला ही विजीलैंस साबित कर पाई,इतना ही नही वह चालान भी किसी और के नाम पर पेश किया गया। अब विजीलैंस ने उसी मामले को तूल देकर आशु को गिरफतार कर लिया। इन नेताओं का कहना था कि असल में भाजपा कांग्रेस को डैमेज करने के लिये उनके नेताओं को ईडी व सीबीआई का डर दिखा कर झूठे मामलों में फंसा रही है।
आशु 16 महीने पहले भी जेल जा चुके हैं।
आशु 7 महीने जेल में रहे। वह 7 मई 2023 को जमानत पर बाहर आए हैं। लोकसभा चुनाव दौरान आशु की भाजपा में शामिल होने की खूब चर्चा रही है क्योंकि आशु के करीबी लुधियाना के पूर्व सांसद और मौजूदा राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भाजपा में शामिल हो चुके है। सूत्रों मुताबिक पता चला है कि आशु के राजीतिक सफर में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। सूत्र बताते है कि रवनीत बिट्टू से आशु की दोस्ती थी,पहले ही जब आशु को टिक्ट नही मिली तो उनको बहकाया गया कि भाजपा जवाईन कर लें,लेकिन तब आशु ने कांग्रेस में रहना ही मुनासिब समझा,अब इस मामले में ईडी की ऐंटरी हो गई है,जिसे आने वाले दिनों में आशु क्या फैसला लेते है,यह समय ही बतायेगा।
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