फतेहगढ़ साहिब में अकाली नेता पर जानलेवा हमले कराने का मामला
खन्ना 9 मई। फतेहगढ़ साहिब के बस्सी पठाना में 29 अप्रैल को शिरोमणि अकाली दल के बीसी विंग जिलाध्यक्ष मलकीत सिंह पर हुए जानलेवा हमला किसी और ने नहीं बल्कि शिअद के ही महासचिव व फतेहगढ़ साहिब विधानसभा हलका इंचार्ज जगदीप सिंह चीमा द्वारा कराया गया था। मुख्य साजिशकर्ता चीमा पूर्व मंत्री रणधीर सिंह चीमा का बेटा है। पुलिस ने इस केस में शिअद नेता चीमा के अलावा मनी, करण भलवान निवासी बसी व लवप्रीत सिंह निवासी फतेहपुर अराईया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी चीमा चुनाव प्रचार छोड़ फरार हो गए हैं। जगदीप सिंह चीमा के पिता रणधीर सिंह चीमा अकाली सरकार में मंत्री रहे। यह परिवार सुखबीर बादल के करीबी है। मौजूदा समय में रणधीर सिंह चीमा एसजीपीसी मैंबर हैं। बता दें कि 2022 के विधान सभा चुनावों के दौरान जगदीप सिंह चीमा फतेहगढ़ साहिब हलके से पार्टी के उम्मीदवार थे। हालांकि चीमा की जमानत जब्त हो गई थी।
शिअद के महासचिव जगदीप सिंह चीमा सहित केस में 6 को आरोपी बनाया गया है। हमले के पीछे की वजह का खुलासा अभी नहीं हो सका है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी की अंदरूनी धड़ेबाजी के चलते यह हमला हुआ है।
सरकारी गवाह बने 2 नाबालिग आरोपी
पुलिस ने यह कार्रवाई दो सरकारी गवाह बने किशोरों से हुई पूछताछ और मिले सुबूतों के आधार पर की गई है। इस मामले में थाना बस्सी पठाना की पुलिस ने दो किशोरों को गिरफ्तार करके जुवेनाइल होम भेज दिया है। दोनों किशोर सरकारी गवाह बन गए हैं और इन्होंने ही हमले से पहले मठाड़ू की रेकी की थी। अब पुलिस ने इन्हीं सरकारी गवाहों से मिल रही जानकारी के आधार पर केस दर्ज किया है।
दो नाबालिगों ने दी थी मठाडू के रुट की जानकारी
बता दें कि 29 अप्रैल को बस्सी पठाना में शिअद बीसी मोर्चे के जिला प्रधान मलकीत सिंह मठाड़ू पर जानलेवा हमला हुआ था। थाना बस्सी पठाना में तीन अज्ञात हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी थी। जांच के दौरान पुलिस को मठाड़ू पर हुए हमले की योजना में शामिल दो किशोरों के बारे में जानकारी मिली। इन दोनों ने मठाड़ू की रेकी कर रूट और समय की जानकारी हमलावरों को दी थी। रेकी करने वाले दोनों किशोर सरहिंद के रहने वाले हैं और एक निजी स्कूल में बारहवीं के छात्र हैं। शिअद ने इन्हें पार्टी के स्कूल विंग का चेयरमैन और प्रधान बनाया हुआ था। ये दोनों किशोर सरकारी गवाह बन गए हैं।