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जालंधर विस उप-चुनाव : पूर्व सांसद रिंकू ने किया दावा अंगुराल के बीजेपी प्रत्याशी बनते ही उन पर होगा पर्चा

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आप सरकार पर रिंकू ने लगाया आरोप, बदलाखोरी की राजनीति हो रही, बीजेपी में जाने से टारगेट किया

जालंधर 15 जून। यहां जालंधर वैस्ट हल्के में विधानसभा के उप-चुनाव को लेकर अब सियासी-माहौल पूरी तरह गर्मा रहा है। इसी दौरान पूर्व सांसद सुशील कुमार रिंकू ने बड़े संकेत दिए हैं। उनकी मानें तो भाजपा पूर्व विधायक शीतल अंगुराल को ही उम्मीदवार बनाएगी। उम्मीदवार घोषित करने के बाद उनको किसी भी केस में नामजद किया जा सकता है।

सीधेतौर पर आम आदमी पार्टी को निशाने पर रख पूर्व एमपी रिंकू ने सोशल-मीडिया में लाइव आकर कहा कि मेरे सूत्रों के मुताबिक अगर अंगुराल भाजपा से प्रत्याशी बनेंगे तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया जाएगा। दरअसल अंगुराल को आप छोड़ने के बाद से ही टारगेट किया जा रहा है। जब वह आम आदमी पार्टी का हिस्सा थे, तब तो किसी भी नेता या पुलिस ने कभी उंगली नहीं उठाई। मगर जब से अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए, तब से उन पर केस दर्ज करने की चर्चाएं भी तेज हो गईं।

दोनों ने साथ मारी थी पलटी : यहां काबिलेजिक्र है कि खुद आप से पिछला लोकसभा उप चुनाव जीतने वाले रिंकू ही अंगुराल को अपने साथ भाजपा में लेकर गए। दोनों ने इस लोस चुनाव के दौरान ही पलटी मारी थी। रिंकू को इस लोस चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह कांग्रेसी उम्मीदवार चरणजीत सिंह चन्नी से मात खा गए। वह खुद तो हारे ही, अंगुराल को भी बीच मझदार में फंसा गए।

आप की रही ‘टिट-फॉर-टैट’ नीति : मौकापरस्ती की सियासत की इस दिलचस्प मिसाल का एक खास पहलू भी रहा। दरअसल ‘ओवर-स्मार्ट’ बन रहे अंगुराल ने अपने पैरों में आप कुल्हाड़ी मारने वाली कहावत पर अमल कर लिया था। वह अभी सियासत में नए थे, मगर आप से इस्तीफा देने की अर्जी विधानसभा स्पीकर को पहले ही सौंप चुके थे। यहां जैसे को तैसा वाली कहावत पर आप सरकार ने अमल कर डाला। लोकसभा चुनाव निपटने के बाद अंगुराल की अर्जी विस स्पीकर ने फट से मंजूर कर ली। नतीजतन अब अंगुराल के सामने करो या मरो वाले हालात पैदा हो गए हैं। वह भाजपा से चुनाव लड़ेंगे तो आप सरकार के मुखिया भगवंत मान खुद जालंधर में मोर्चा संभालने आ रहे हैं। ऐसे में उनके गले पर दोधारी तलवार लटकी है। अगर वह उप चुनाव लड़कर हार गए तो उनका सियासी करियर शुरुआती दौर में ही डगमगा जाएगा। वहीं भाजपा उम्मीदवार बनते ही आप उनको किसी मामले में लपेट सकती है, जैसा कि रिंकू भी आशंका जता चुके हैं।

रिंकू भी जानते होंगे यही सियासी-रवायत है : अब आप की चाल-चरित्र पर सवाल खड़े कर रहे रिंकू बाखूबी जानते होंगे कि सियासत में यही सब होता आया है। उन्होंने मासूम अंदाज में कहा है कि मैं सिर्फ इसलिए लाइव आया हूं, क्योंकि लोगों को पता चलना चाहिए कि पंजाब में आम आदमी पार्टी कैसे विपक्ष को टारगेट कर रही है। आप सिर्फ बदलाखोरी की राजनीति कर रही है। मेरा डीजीपी गौरव यादव से अनुरोध है कि वह कोई भी ‘अवैध’ कार्रवाई किसी पार्टी के दबाव में आकर न करें। शायद रिंकू यह भी जानते ही होंगे कि आईएएस या आईपीएस, राजनेताओं की तरह अनट्रेंड नहीं होते हैं। उनको बेहतर पता होता है कि कानून के दायरे में रहकर कैसे कार्रवाई करनी है। मतलब साफ है कि बदलाखोरी की राजनीति पंजाब में आज नहीं हो रही, कई दशक से ऐसा ही चला आ रहा है। पुलिस रिंकू की नसीहत पर भी अमल कर सकती है यानि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे, शायद ऐसा ही कुछ हो सकता है।

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