सड़कों पर अतिक्रमण हटाने की आड़ में अधिकारियों ने कथित तौर पर की अवैध वसूली
चरणजीत सिंह चन्न
जगरांव 11 दिसंबर। यहां नगर कौंसिल एक बार फिर सुर्खियों में आ गई। बुधवार को नवनियुक्त सेनेटरी इंस्पेक्टर दीप माला के साथ टीम ने नगर परिषद के सामने ही लगे फूड स्टॉल पर बिना अनुमति कार्रवाई कर ठेले कब्जे में ले लिए गए। इनमें कुछ ठेले ऐसे भी थे, जो नगर कौंसिल से अनुमति लेकर लगे थे।
जानकारी के मुताबिक नगर कौंसिल ने कई ठेला चालकों को पहचान पत्र भी जारी किए थे। सूत्रों और चर्चाओं के मुताबिक कई ठेले कब्जे में लेकर अवैध रूप से 300 रुपये की वसूली की गई। जिसकी कोई रसीद तक नहीं दी गई।
क्या कहा ठेला चालक ने : ठेलों पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले संदीप कुमार के मुताबिक उन्होंने नगर कौंसिल से अनुमति ली थी और उनको जारी कार्ड 2025 तक वैध है। फिर भी उनका ठेला उठा लिया। जब उन्होंने कौंसिल दफ्तर जाकर अपना कार्ड दिखाया तो अधिकारियों ने उनसे 300 रुपये वसूल लिए। रसीद मांगी तो उसे यह कहकर टाल दिया कि दोपहर के बाद लेना।
क्या कहते हैं सेनेटरी इंस्पेक्टर : इस संबंध में नए सेनेटरी इंस्पेक्टर दीप माला से बात की तो उन्होंने कहा कि नगर कौंसिल ने केवल अवैध ठेले कब्जे में ले लिए। बाकी को निर्देश दिए कि वे अपने ठेले सड़क के बीच खड़ा ना करें और यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। जो ठेले कब्जे में लिए, सिर्फ उनसे 300 रुपये वसूलकर बाद में रसीद भी देने को कहा। हालांकि मौके पर रसीद देने के नियम पर उन्होंने जानकारी नहीं होने की बात कही।
क्या कहते हैं ईओ : इस संबंध में जब कार्य अधिकारी सुखदेव सिंह रंधावा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जितने भी ठेले नगर कौंसिल ने अपने कब्जे में लिए। उनसे 300 रुपये सरकारी शुल्क लिया जाता है। अगर किसी कर्मचारी ने पैसे लेने के बाद रसीद नहीं दी है तो वह इसके बारे में पता करेंगे।
क्या कहते हैं नगर परिषद अध्यक्ष : अपने आप को ईमानदार कहने वाले नगर कौंसिल के अध्यक्ष जितेंदर पाल राणा की नाक के नीचे अवैध वसूली हो गई। उन्होंने कहा कि यह मामला मेरी जानकारी में नहीं है, लेकिन कार्रवाई के समय अध्यक्ष राणा खुद वहां मौजूद थे। अध्यक्ष की यह जिम्मेदारी है कि उनकी अध्यक्षता में किसी से अवैध वसूली ना की जाए।
उल्लेखनीय है कि दिवाली से पहले भी नगर कौंसिल के कुछ कर्मचारियों द्वारा कई ठेले वालों से अवैध वसूली की गई थी। तब अध्यक्ष ने अपनी ईमानदारी दिखाने के चक्कर में ठेले वालों से वसूले पैसे वापस दिला दिए थे।
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