आप की महिला कौंसलर अमृत वर्षा , निधि गुप्ता, और नंदिनी जैरथ,वार्ड नंबर 63 से मनिंदर कौर घुम्मन का नाम भी चर्चा में
लुधियाना 7 जनवरी। नगर निगम चुनाव के नतीजे आने के दो हफ्ते बाद भी लुधियाना में मेयर नहीं बनने के बाद पंजाब सरकार की और से एकाएक बड़ा फैसला लिया गया है। स्थानीय निकाय विभाग की और से एक नोटिफिकेशन जारी कर मेयर पद महिला कौंसलर के लिए रिजर्व कर दिया गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा सीट हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी में सियासी-हलचल तेज हो गई है। पार्टी नेता अब मेयर पद की जोड़तोड़ में जुट गए हैं। हालांकि मेयर पद के लिए सबसे आगे नाम वार्ड 55 से आम आदमी पार्टी की पार्षद व सीनियर नेता अमृता वर्षा रामपाल का है। क्योंकि रामपाल पांचवीं बार पार्षद चुनाव जीती हैं। ऐसे में अगर सीन्यॉरिटी देंखे तो वह सबसे मजबुत दावेदार है। वहीं वार्ड 19 से आप से ही जीती निधि गुप्ता और वार्ड 71 से नंदिनी मनु जैरथ का नाम भी भी मेयर पद के लिए चर्चा में है। अब देखना होगा कि किस महिला कौंसलर को पार्टी द्वारा मेयर चयनित किया जाता है। हालांकि इस नोटीफिकेशन के बीच एक बड़ा सवाल भी खड़ा हो रहा है। क्योंकि अभी तक आप पार्टी को लुधियाना निगम में बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में पहले बहुमत जुटाया जाएगा और फिर ही पार्टी अपना मेयर बना सकेगी।
पार्टी नए चेहरों को दे सकती है मौका
वहीं चर्चा यह भी छिड़ी हुई है कि आम आदमी पार्टी द्वारा नए चेहरे यानि कि जो पहली बार पार्षद बने हैं, उन्हें आगे आने का मौका दे सकती है। क्योंकि इससे लोकप्रियता भी हासिल होगी। वैसे भी आम आदमी पार्टी द्वारा हमेशा नए चेहरों को आगे लाने का दावा किया जाता है। हाल ही में पंजाब प्रधान लगाए गए अमन अरोड़ा को लेकर भी सीएम भगवंत मान द्वारा यह कहा था कि अब दूसरे चेहरों को जिम्मेदारी लेते हुए आगे आने की जरुरत है।
पार्टी नए चेहरों को दे सकती है मौका
वहीं चर्चा यह भी छिड़ी हुई है कि आम आदमी पार्टी द्वारा नए चेहरे यानि कि जो पहली बार पार्षद बने हैं, उन्हें आगे आने का मौका दे सकती है। क्योंकि इससे लोकप्रियता भी हासिल होगी। वैसे भी आम आदमी पार्टी द्वारा हमेशा नए चेहरों को आगे लाने का दावा किया जाता है। हाल ही में पंजाब प्रधान लगाए गए अमन अरोड़ा को लेकर भी सीएम भगवंत मान द्वारा यह कहा था कि अब दूसरे चेहरों को जिम्मेदारी लेते हुए आगे आने की जरुरत है।
10 करोड़ रुपए मांगने की चर्चा
वहीं चर्चा छिड़ी हुई है कि मेयर और डिप्टी मेयर पद के 10 करोड़ रुपए रखे गए हैं। जिसमें आठ करोड़ मेयर और दो करोड़ डिप्टी मेयर के बताए जा रहे हैं। यानि कि मेयर और डिप्टी पद के चाहवान पार्षदों द्वारा यह रकम अदा करनी होगी। हालांकि यह चर्चा है, अब इसमें कितनी सच्चाई है ये कहा नहीं जा सकता।
करप्शन पर लग सकेगी लगाम
वहीं अगर लुधियाना में महिला मेयर बनती है, तो इससे करप्शन पर रोक लग सकेगी। क्योंकि पुरुष मेयर बनने पर हर व्यक्ति आसानी से जाकर बात करके सेटिंग कर लेता है। लेकिन महिला होने के चलते कोई व्यक्ति आसानी से अवैध कार्यों संबंधी आसानी से बात नहीं कर सकेगा। ऐसे में करप्शन पर भी नकेल डलेगी। पंजाब सरकार का यह फैसला करप्शन के खिलाफ अहम साबित हो सकता है।
बहुमत जुटाना सबसे बड़ा चैलेंज, पर्चो का दौर हो सकता शुरु
बता दें कि आम आदमी पार्टी लुधियाना में अपना मेयर बनाने के लिए बहुमत से काफी दूर है। ऐसे में पार्टी लीडरों द्वारा कई विरोधी पार्टियों के जीते पार्षदों और आजाद पार्षदों को पार्टी में शामिल कराने की कोशिश की। लेकिन वह असफल रही। वहीं अब बहुमत जुटाना ही पार्टी के लिए चैलेंज बना चुका है। चर्चा है कि अब आप पार्टी द्वारा अपना मेयर तो बनाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए अब पर्चो का दौर भी शुरु हो सकता है। चर्चा है कि अब जीते हुए कौंसलरों पर पर्चे दर्ज हो सकते हैं।
आप 41, कांग्रेस 30, भाजपा 19 व शिअद 2 वार्डों में जीती
यहां गौरतलब है कि आप ने निगम चुनाव में 41 वार्डों में जीत हासिल की थी। जबकि कांग्रेस 30 और भाजपा 19 वार्डों में जीती थी। जबकि शिअद-बादल ने 2 तो आजाद उम्मीदवारों ने 3 वार्डों में जीत हासिल की थी। महानगर में कुल 95 वार्डों में चुनाव हुए थे। लिहाजा बहुमत के लिए 48 सीटें जरुर थीं। चुनावी आंकड़ों के मुताबिक सभी राजनीतिक दल बहुमत से दूर रहे।
सियासी तस्वीर नहीं है साफ
फिलहाल तक वार्ड 6 से कांग्रेस से जीते जगदीश राज दीशा चुनाव के बाद आप में शामिल हो चुके हैं। जबकि शिअद से गए एक कौंसलर ने घर-वापसी कर ली थी। जबकि तीन आजाद उम्मीदवारों में से एक जीते कौंसलर ने खुद को आप का समर्थक होने का दावा किया है। जबकि बाकी दोनों आजाद कौंसलरों ने भी अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। कुल मिलाकर अभी मेयर बनने के मामले में सियासी-तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है।
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