सुदर्शन भाटिया
डायबिटीज ही मधुमेह है। यही शुगर का रोग कहलाती है। इसके नाम से भी अब लोग डरने लगे हैं। मगर यह है कि हर तीसरे व्यक्ति को अपनी लपेट में ले लेता है। इसको खाद्य पदार्थों की मदद से काबू में रखें।
जो पदार्थ खाना बन्द करना जरूरी है, पहले उन्हें जानें- मीठा, मिठाई, पेस्ट्री, मीठे पेय, गाजर, चुकन्दर, चॉकलेट, आईस्क्रीम, मीठे बिस्कुट, गन्ना, गन्ने का रस, गुड़, शक्कर, अनाजों में चावल तथा गेहूं, आलू (उबला हुआ आलू खा सकते हैं) डबल रोटी, बन्द, केला, अंगूर, शरीफा, लीची, आम, शराब, कैफीन। मतलब यह कि कोई भी हानिकारक पदार्थ न खाएं जो रोग बढ़ाता हो।
प्रयत्न करके मोटापा कम करें। वसा कम खाएं। मैथी, जामुन, करेला, लहसुन तथा रेशेदार खाद्य पदार्थ इस रोग को कम करने व ठीक करने वाले हैं।
शलजम उबालकर खाएं तो चीनी भी निकल जाएगी। इसमें स्टार्च तथा कार्बोहाइड्रेट बहुत कम होते हैं। अत: यह उपयोगी रहता है।
खमीर में कार्बोहाइड्रेट से भी शर्करा कम होती है। यह इंसुलिन पैदा करता है। इसमें फास्फोरस भी काफी रहता है। अत: उपयोगी है।
कच्चे केले को बतौर सब्जी खा सकते हैं। यह मोटापा नहीं करेगा।
चूंकि नींबू में विटामिन सी होता है, यह संरक्षण शक्ति बढ़ाता है। यह खून में से विषाक्त तत्व हटा देता है। शरीर साफ करता है।
चने का सूप तथा चने का आटा, इस रोग में शरीर की शर्करा को आत्मसात करने में मदद करते हैं। चने में प्रोटीन की मात्रा तो अधिक रहती है जबकि कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम। अत: चना लाभकर होता है।
रक्त में मौजूद शर्करा की मात्रा को कम करने में उड़द की दाल बहुत ठीक बैठती है।
साबुत उड़द को अंकुरित करें। इसको पीस कर दूध निकालें। दूध कहें या रस, इसका सार निकाल लें, यह भी रक्त की शर्करा को कम करने में मदद करती है।
सावधानी- यदि कोई मधुमेह रोग के साथ वात का रोगी है या जिसकी पाचन शक्ति कमजोर है, वह उड़द वाले इस उपचार को न अपनाएं।
जो व्यक्ति शुरू में दी गई सूची के खाद्य पदार्थ नहीं खाए तथा यहां दिए कुछ घरेलू उपचार करें तो वह इस रोग को खत्म कर सकते है।
सोयाबीन को विभिन्न तरीकों से ले सकते हैं। इसमें कार्बोहाइड्रेट की कमी होती है जबकि प्रोटीन की अधिकता। अत: जरूर सेवन करें।
सोयाबीन का दही, दूध, बडिय़ां, नमकीन, आटा, सब्जी के रूप में लें जो कि शुगर को कम कर रोग को शांत कर देता है।
डायबिटीज के रोग को काबू करने तथा खत्म करने में ककड़ी, खीरा, सलाद के पत्ते, मूली, मूली के पत्ते, पालक आदि का नियमित सेवन करें यह प्रतिरक्षा क्षमता तो बढ़ाएंगे ही, रोग में काफी राहत भी दे पाएंगे। (विनायक फीचर्स)