सिर्फ नियमों के अनुसार सभी जोन पास – सीए ग्लाडा संदीप कुमार
लुधियाना 3 जून। लुधियाना में साउथ सिटी कैनाल रोड और लाडोवाल साउदर्न बाइपास पर पंजाब सरकार द्वारा लैंड पूलिंग स्कीम के तहत बनाई जाने वाली नई अर्बन एस्टेट टाउनशिप की औपचारिक तौर पर घोषणा हो चुकी है। पंजाब सरकार की और से सभी आठ जोन में यह टाउनशिप डेवलप की जाएगी। यूटर्न टाइम अखबार की और से पहले इन आठ जोन और कौन से जोन में कितनी जमीन होंगी, इसका खुलासा किया था। लेकिन अब सरकार द्वारा इसकी औपचारिक घोषणा करने के बाद यूटर्न टाइम अखबार अपनी कसौटी पर एक बार फिर से खरा उतरा है। ग्लाडा के सीए संदीप कुमार ने बताया कि पंजाब सरकार ने सभी आठ जोन को हरी झंडी दे दी है। लेकिन बता दें कि इस आठ जोन की डेवलपमेंट की घोषणा के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मच गया है। जिन बड़े रियल एस्टेट कंपनियों और कारोबारियों द्वारा प्री बुकिंग के नाम पर अपना माल बेचा था, इस घोषणा से उन्हें सबसे ज्यादा दिक्कत आएगी। जिस कारण उनके लिए बड़ी समस्या पैदा हो गई है। प्री बुकिंग में पैसा इन्वेस्ट करने वाले इन्वेस्टरों का भी निवेश खतरे में पड़ चुका है।
सबसे ज्यादा ओमैक्स को होगा नुकसान
चर्चा है कि ओमैक्स कंपनी की और से साउथ सिटी कैनाल रोड पर 80 एकड़ जमीन में कॉलोनी काटने का वादा किया गया। जिसकी एवज में 300 प्लॉट बेच भी डाले। यह प्लॉट ज्यादातर लुधियाना व दिल्ली के लोगों को बेचे गए। लोगों से 90 प्रतिशत तक पेमेंट भी ले ली गई। प्री बुकिंग के नाम पर ओमैक्स द्वारा जमीनें बेची गई है। जबकि कंपनी के नाम पर भरोसा करके लोगों द्वारा धड़ल्ले से इन्वेस्टमेंट भी की गई। लेकिन अभी तक न तो उक्त कॉलोनी की रजिस्ट्री हो सकी और न ही रेरा नंबर आया है। जबकि ओमैक्स की यह जमीन अब अर्बन एस्टेट टाउनशिप के अधीन एक्वायर की जाएगी। जिसके चलते इन्वेस्टर्स का पैसा डूबने का भी खतरा बना हुआ है।
लोगों को धोखे में रखकर इकट्ठा किया पैसा
चर्चा है कि ओमैक्स की और से यह प्रोजेक्ट तीन साल पहले लांच किया था। लेकिन अभी तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका। ओमैक्स द्वारा लोगों को धोखे में रखकर करोड़ों रुपए इकट्ठे कर लिए गए। यहां तक कि लोगों को फिक्स रिटर्न भी दी जाती रही। लेकिन चर्चा है कि छह महीने पहले ही कंपनी द्वारा एक नक्शा निकाला गया, जिसके बाद फिक्स रिटर्न भी बंद कर दी गई। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि नक्शा न तो रेरा से अप्रूवड है और न ही अभी तक सरकार के पास उक्त कॉलोनी रजिस्टर्ड है। जिसके बावजूद ओमैक्स द्वारा लोगों को धोखे में रखकर पैसा इक्ट्ठा किया जाता रहा।
रजिस्ट्री होने के बाद ही मिलता है रेरा नंबर
ओमैक्स की और से अभी अपने सत्र पर नक्शा निकाला गया है। जबकि चर्चा है कि यह नक्शा भी रेरा से अप्रूव नहीं है। हैरानी की बात तो यह है कि पूरी रजिस्ट्री कराने के बाद ही रेरा नंबर मिलता है। जिसके बाद ही प्लॉट बेचे जा सकते हैं। लेकिन अब तीन साल बाद ओमेक्स द्वारा रजिस्ट्री करानी शुरु की गई है और प्लॉट पहले ही बेच डाले। जबकि पहले ही लोगों से करोड़ों रुपए इकट्ठे कर लिए गए हैं। यह भी चर्चा है कि शहर में और कई प्रोजेक्ट के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए एक्ट्ठे करके उन्हें फिक्स रिटर्न दी जा रही है।
लैंड पूलिंग स्कीम में जमीन आने पर प्लॉट होल्डरों में डर का माहौल
वहीं लैंड पूलिंग स्कीम में ओमैक्स की जमीन आने पर प्लॉट होल्डरों में डर का माहौल है। क्योंकि कइयों ने महंगी जमीन खरीदी और कइयों ने जमीन खरीदकर आगे महंगे दाम पर बेचनी थी। लेकिन अब लैंड पूलिंग स्कीम में जमीन आने पर उनके सपने सपने ही रह जाएंगे। ओमैक्स द्वारा तीन साल से बिना कॉलोनी अप्रूव करवाए लोगों से प्री बुकिंग नाम पर पैसा इकट्ठा कर लिया गया। इसी कारण लैंड पूलिंग स्कीम में सरकार को वहां कॉलोनी नहीं दिखी और जमीन को स्कीम के अधीन लाया गया।
रेरा विभाग को नहीं चल पा रहा पता
सरकार की और से रेरा विभाग को इसी लिए बनाया था ताकि लोगों से प्री बुकिंग व फर्जी जमीनें दिखाकर ठगी करने वाले कॉलोनाइजरों से लोगों को बचाया जा सके। लेकिन ओमैक्स जैसी नामी कंपनियों द्वारा फिर भी लोगों से ठगी की जा रही है। लेकिन रेरा विभाग को यह दिखाई ही नहीं दे पा रहा।