राजदीप सिंह सैनी
लुधियाना 8 अक्टूबर। लुधियाना में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। जिसमें नगर निगम की आउट सोर्स यानि कि कच्ची महिला मुलाजिम द्वारा मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर पर मेयर हाउस बुलाकर जबरन उनकी सैलरी लेने के आरोप लगाए हैं। महिला द्वारा इस संबंधी वीडियो बनाकर भी जारी की गई है। लेकिन जब विवाद बढ़ा तो अब महिला की एक और वीडियो सामने आई। जिसमें उसने कहा कि उसने दबाव में मेयर पर झूठे आरोप लगाए थे। हैरानी की बात तो यह है कि शहर का प्रथम नागरिक माने जाते मेयर पर पहिला महिला द्वारा जमकर कीचड़ उछाला जाता है। जिसके बाद दूसरी वीडियो में सीधे ही यूटर्न ले लिया जाता है। हालांकि यह वीडियोज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। वीडियोज सामने आने के बाद शहरवासी जानने में जुटे हैं कि आखिर सच क्या है। दोनों वीडियो में सही कौन सी है। वहीं यूटर्न टाइम अखबार द्वारा पहले ही खुलासा किया गया था कि निगम में कच्चे मुलाजिम भर्ती में बड़ा हेरफेर हो रहा है। जिसमें कई मुलाजिम तो नौकरी कर ही नहीं रहे, जबकि उनकी सैलरियां दूसरों के खातों में जा रही है। 1200 करोड़ वाले निगम बजट में सिर्फ 700 करोड़ सैलरियों में ही जाता है। चर्चा है कि नगर निगम के पक्के मुलाजिम तो अलग हैं। लेकिन उसके अलावा 5000 सफाई कर्मी है। जिनमें कई कच्चे और कई पक्के हैं। लेकिन चर्चा है कि इनमें 70 प्रतिशत मुलाजिम अफसरों और नेताओं के घरों पर काम करते हैं। यानि कि ज्यादातर खर्च अफसरशाही व नेतागिरी में ही हो रहा है। इसी कारण शहर स्वच्छता मामले में 39वें नंबर पर आया।
मेयर के पीए ने कॉल कर बुलाया कैंप ऑफिस
महिला राखी शर्मा ने पहली वीडियो में कहा कि वे आउट सोर्स मुलाजिम है और निगम जोन-डी में तैनात है। उसके खाते में 24,855 रुपए सैलरी आई थी। उसे 17 सितंबर की दोपहर को मेयर के पीए कहे जाने वाले हरविंदर सिंह की कॉल आई। जिसने उन्हें दस्तावेज लेकर अगले दिन मेयर कैंप ऑफिस आने को कहा। राखी अनुसार 18 सितंबर सुबह 11 बजे वे कैंप ऑफिस चली गई।
मेयर मैडम ने दिया स्कैनर, 27 हजार करवाए ट्रांसफर
राखी का आरोप है कि वह कैंप ऑफिस गई तो वहां पर मेयर इंद्रजीत कौर ने कहा कि उसके खाते में गलती से चार महीने की सैलरी आ गई है। जिसके चलते वह अपनी सैलरी रखकर बाकी की पेमेंट वापिस कर दें। राखी ने आरोप लगाया कि मेयर मैडम ने अपने मोबाइल से एक स्कैनर निकालकर दिया। जिस पर गुगल-पे से 25000 और 2000 कुल 27000 रुपए ट्रांसफर किए गए। राखी अनुसार मेयर मैडम ने कहा कि हरविंदर खुद ही सैलरी बनाने वाले क्लर्क को उक्त पेमेंट दे देगा। जिसके बाद उसे वहां से भेज दिया गया। लेकिन जब वह जोन-डी पहुंची तो साथी मुलाजिमों ने बताया कि ऐसे मेयर उससे पेमेंट नहीं ले सकती। जिसके बाद उसे घोटाले का पता चला। फिर उसने दोबारा मेयर मैडम को कॉल की, तो उन्होंने कहा कि कैंप ऑफिस आकर बात कर लेना।
विरोधी पार्टी के साथ चलने पर दबाया जा रहा
महिला का आरोप है कि उसकी कांग्रेस के लीडरों के साथ कई फोटोज है। जिसके चलते आप लीडरों को लगता है कि शायद वह उनके साथ चलती है। इसी के चलते उसे दबाया जा रहा है। राखी का आरोप है कि वह विधवा है। 10 हजार की मुश्किल से नौकरी मिली है। लेकिन अब डर है कि उसे नौकरी से निकाल दिया जाएगा। उसने कहा कि उसके पास पेमेंट भेजने के स्क्रीनशॉट भी है।
मेयर मैडम को बदनाम करने को दिलवाया गलत बयान
वहीं महिला मुलाजिम राखी द्वारा एक और वीडियो जारी की गई। जिसमें उसने कहा कि उन्हें मेयर मैडम के पीए हरविंदर सिंह द्वारा फोन करके दस्तावेज लेकर कैंप ऑफिस बुलाया था। वहां उन्होंने दस्तावेज लिए और जॉइनिंग लेटर दो दिन बाद मिलने की बात कही थी। राखी ने कहा कि उसने किसी को पैसे देने थे, वह गुगल-पे किए थे। वह स्क्रीनशॉट उसी के थे। उसने कहा कि मेयर मैडम को बदनाम करने के लिए उससे जबरन गलत बयान दिलाया गया है। वीडियो बनाने वाले व्यक्ति ने खुद को निगम मुलाजिम बताया था।
विपक्ष को बैठे बैठाए मिला मुद्दा
वहीं महिला मुलाजिम की इस वीडियोज के सामने आने के बाद विपक्ष को बैठे बैठाए ही सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ मुद्दा मिल चुका है। जिसके चलते अब विपक्ष द्वारा भी लगातार इस वीडियो के हवाले से आप पार्टी के लीडरों पर बड़े सवाल किए जा रहे हैं।
मेरे खिलाफ रचा जा रहा राजनीतिक षड्यंत्र
वहीं मेयर प्रिंसिपल इंद्रजीत कौर ने कहा कि पीए हरविंदर सिंह की और से उक्त महिला को जॉब संबंधी दस्तावेज लेकर बुलाया गया था, ताकि डॉक्यूमेंट्स चैक किए जा सके, जो चैक करना हमारा काम भी है। उसे भी अब गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। दरअसल, मेयर बनने के बाद मुझे बदनाम करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन विरोधी सफल नहीं हो पा रहे। यह भी राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। महिला विधवा है और विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू द्वारा उसे नौकरी पर रखा गया। इस संबंधी उनसे भी पूछा जा सकता है। मेरी तरफ से हमेशा ही जरुरतमंद लोगों की सहायता की जाती है, न कि उनका हक छीना जाएगा।