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मुद्दे की बात : देश में एचएमपीवी वायरस का पहला मामला मिला

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कोरोना की तरह ही यह चीन में फैला एक नया और खतरनाक वायरस

कर्नाटक से चिंतित कर देने वाली खबर सामने आई है। वहां बेंगलुरु में एक आठ महीने की बच्ची में एचएमपीवी वायरस मिला है। यहां काबिलेजिक्र है कि कोरोना की तरह ही यह चीन में फैला एक नया और खतरनाक वायरस है। भारत में इस नए वायरस का यह पहला मामला है। यह खबर एक निजी अस्पताल से मिली है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

गौरतलब है कि यह कोविड-19 महामारी के पांच साल बाद है, जब चीन मौजूदा समय में नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानि एचएमपीवी से जूझ रहा है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय इस मामले में जल्द अधिकारिक जानकारी दे सकता है। उधर, कर्नाटक सरकार ने रविवार को चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानि एचएमपीवी बीमारी के फैलने के खतरे के बारे में एक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में क्या करें और क्या ना करें, इसकी जानकारी दी गई है। रिलीज में कहा गया है कि फिलहाल, एचएमपीवी के फैलने को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र यानि एनसीडीसी के निदेशक के साथ समन्वय में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

विभाग ने कहा कि चीन में एचएमपीवी बीमारी के फैलने के बारे में मीडिया में हाल ही में आई खबरों के बाद भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 4 जनवरी को एक बयान जारी किया है। इसमें कहा है कि एचएमपीवी किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है, जो सर्दियों के मौसम में आम सर्दी और फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है। खासकर युवा और वृद्ध आयु समूहों में। कर्नाटक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने श्वसन संक्रमण जैसे सामान्य सर्दी, आईएलआई और एसएआरआई के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। बयान में कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में दिसंबर 2024 में रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है।

इसके बावजूद सेहत विभाग द्वारा एडवाइजरी के मुताबिक इस वायरस से बचाव के लिए पूरी एहतियात बरतने की जरुरत है। मसलन, खांसते-छींकते समय मुंह और नाक को रूमाल, टिशू पेपर से ढकें। हाथों को अक्सर साबुन और पानी या अल्कोहल-आधारित सैनिटाइज़र से धोएं। भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। बुखार, खांसी, छींक आने पर सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें। संक्रमण को कम करने के लिए सभी स्थितियों में बाहरी हवा के साथ पर्याप्त वेंटिलेशन की सिफारिश की जाती है। लोगों को घर पर रहने और बीमार होने पर दूसरों के साथ संपर्क सीमित करने की भी सलाह दी गई है। खूब पानी पीने और पौष्टिक भोजन खाने की भी सलाह दी गई है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे टिशू पेपर और रूमाल का दोबारा इस्तेमाल ना करें। बीमार व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क, तौलिये, लिनन आदि का साझा ना करें। आंखों, नाक और मुंह को बार-बार ना छूएं। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना और चिकित्सक से परामर्श किए बिना स्वयं दवा ना लें।

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