अश्वनी शर्मा ने संभाल लिया पंजाब भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष का पद, कांग्रेस से आए जाखड़ फिलहाल हैं प्रधान
पंजाब, 13 जुलाई। लुधियाना वैस्ट हल्के में विधानसभा उप चुनाव के बाद से ही पंजाब में सियासी-हलचल बनी है। आप से कांग्रेस हारी तो बीजेपी तीसरे नंबर पर रही। ऐसे में अभी एक बड़ा राजनीतिक-घटनाक्रम सामने आया। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा नियुक्त कर दिए गए। जिन्होंने रविवार को औपचारिक रूप से अपना पदभार संभाल लिया।
यहां काबिलेजिक्र है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ हैं, जो पंजाब कांग्रेस का प्रधान पद छोड़कर पार्टी में शामिल हुए थे। हालांकि उनके कार्यकाल में बीजेपी कुछ खास राजनीतिक-सफलता हासिल नहीं कर सकी। उल्टे जाखड़ पर ही पार्टी छोड़ने की अफवाहें चलती रहीं। अब लुधियाना वैस्ट विस उप चुनाव में बीजेपी के तीसरे नंबर पर आने के बाद नए संकेत मिल रहे हैं। पंजाब भाजपा के तीन बार अध्यक्ष रह चुके विधायक अश्वनी शर्मा को अब अहम जिम्मेदारी संगठन में मिल गई है। उनको पार्टी का प्रदेश कार्यकारी बनाया गया तो उनके समर्थक ही नहीं, पार्टी वर्कर भी खासे उत्साहित हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कार्यकारी अध्यक्ष शर्मा को पदभार ग्रहण कराने के दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़, केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू, पूर्व सांसद परनीत कौर, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू, पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया सहित कई अन्य प्रमुख नेता उपस्थित रहे। शर्मा संगठनात्मक अनुभव के साथ ही 2022 के मुश्किल चुनाव में भी जीत हासिल करने वाले चुनिंदा नेताओं में शामिल रहे, जब आम आदमी पार्टी को भारी बहुमत मिला था। अब 2027 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में पार्टी ने उन्हें फिर से कमान देकर संगठन में मजबूती और एकजुटता लाने की कोशिश की है। पार्टी को उम्मीद है कि अश्वनी शर्मा के अनुभव से बीजेपी को पंजाब में नया राजनीतिक संतुलन बनाने में मदद मिलेगी। शर्मा यह जिम्मेदारी मिलते ही सक्रिय हो गए थे। उन्होंने बीजेपी के कई सीनियर नेताओं के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष से भी मुलाकात की।
सिद्धू-शर्मा की जोड़ी करेगी ‘खेला’
यहां उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने लुधियाना वैस्ट विधानसभा हल्के से सीनियर एडवोकेट बिक्रम सिद्धू को उम्मीदवार बनाया था। हार के बावजूद उन्होंने चुनाव में पार्टी का वोट प्रतिशत बढ़ाने का अहम काम किया था। हालांकि इसी सीट पर अब उप चुनाव में उनको उम्मीदवार नहीं बनाने से पार्टी का वोट प्रतिशत और गिर गया। याद दिला दें कि जब अश्वनी शर्मा पंजाब बीजेपी के प्रधान थे, उसी दौरान एडवोकेट सिद्धू को पार्टी में शामिल किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि अब शर्मा की पार्टी संगठन में वापसी के वापसी के बाद सिद्धू की बीजेपी में फिर से धाक बन सकती है।
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