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मोदी का पंजाब में दूसरे दिन भी विरोध किया किसानों ने, पैरा-मिलेट्री और पुलिस ने रोका

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पीएम के विरोध का पहले ऐलान किसान जत्थेबंदियों ने कर दिया था, मुस्तैद रही पुलिस, खुफिया एजेंसियां

गुरदासपुर, जालंधर 24 मई। पीएम नरेंद्र मोदी दूसरे दिन शुक्रवार को भी पंजाब दौरे पर रहे। जबकि लगातार दूसरे दिन किसान जत्थेबंदियों ने गुरदासपुर के बटाला और जालंधर में मोदी का विरोध किया।

हालांकि विरोध का ऐलान पहले से ही किए जाने की वजह से पंजाब पुलिस के अलावा पैरा-मिलेट्री फोर्स व खुफिया एजेंसियां मुस्तैद रहीं। पीएम मोदी के आने से पहले ही दोनों रैली स्थलों के आसपास कई जगह विरोध के लिए रोष मार्च निकालते किसानों को रास्ते में ही रोक लिया गया। प्रदर्शनकारी किसान वहीं धरने लगा भाजपा-मोदी विरोधी नारे बुलंद करते रहे। जबकि इससे भी पहले कई जगह किसान नेताओं को घरों में ही नजरबंद कर दिया गया।

यहां गौरतलब है कि शुक्रवार को पीएम मोदी की पहली रैली दीनानगर में रखी गई। रैली स्थल की तरफ कूच करने वाले किसान नेताओं और महिलाओं को शहर के बब्बरी बाइपास पर पुलिस और पैरा-मिलेट्री ने रोक लिया। लिहाजा किसानों ने वहीं धरना लगा केंद्र सरकार के खिलाफ भड़ास निकाली। धरने और भीषण गर्मी के चलते राहगीरों भी परेशान हुए।

उधर, जालंधर के पीएपी ग्राउंड में पीएम मोदी की दूसरी रैली रखी गई। जिसके मद्देनजर पुलिस ने पहले ही किसान यूनियन एकता सिधूपुर के जिला प्रधान कुलविंदर सिंह को जालंधर और भारतीय किसान यूनियन कादियां के नेता अमरीक सिंह भारसिंह पुरा वालों को फिल्लौर में नजरबंद कर लिया। जानकारी के मुताबिक दोनों नेता सुबह अपने घर पर ही थे। इस दौरान पुलिस उनके घर पर पहुंच गई। साथ ही पुलिस ने उन लोगों को भी नजरबंद किया, जिन पर किसी प्रकार की देश विरोधी गतिविधि में शामिल होने के आरोप हैं। बताते हैं कि पूरे जिले में 25 से ज्यादा किसान नेता नजरबंद हुए।

काबिलेजिक्र है कि गांव भार सिंह पुरा काफी संवेदनशील माना जाता है। कनाडा में मारा गया आतंकी हरदीप सिंह निज्जर इसी गांव का रहने वाला था। जिसके चलते पुलिस ने इसी गांव के किसान नेता अमरीक सिंह को नजरबंद कर लिया।

इस दौरान धरने-प्रदर्शनों की अगुवाई करने वाले किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसान विरोधी फैसले लिए हैं। सरकार ने दिल्ली आंदोलन रद्द करते समय हर फसल का कम से कम समर्थन मूल्य देने, उस पर किसानों की संगठनों के प्रतिनिधियों पर आधारित कमेटी बनाने, लखीमपुर खीरी के शहीदों को इंसाफ दिलाने, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को गिरफ्तार करने का वादा किया गया था। जबकि कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया।

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