सबड़े बड़ी खन्ना अनाज मंडी में किसानों ने किया रोष प्रदर्शन

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लिफ्टिंग की धीमी रफ्तार, अधूरे प्रबंधों को लेकर खफा किसानों की धमकी, मंत्री सौंध को काले झंडे दिखाएंगे

खन्ना 11 अक्टूबर। पंजाब में धान के सीजन के दौरान कई जिलों में मंडियों के अधूरे प्रबंधों को लेकर आढ़तियों और किसानों को दिक्कतें आ रही हैं। एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी खन्ना में अधूरे प्रबंधों को लेकर किसानों ने तीखा रोष जताया।

जानकारी के मुताबिक किसानों ने मार्केट कमेटी दफ्तर के बाहर धरना लगाया और जमकर नारेबाजी की। धीमी लिफ्टिंग को लेकर ज्यादा रोष पाया गया। 24 घंटे में प्रबंध ठीक नहीं करने पर खन्ना से विधायक व कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंध को काले झंडे दिखाने की चेतावनी दी।

किसान नेता राजिंदर सिंह बैनीपाल ने कहा कि मंडियों में प्रबंध अधूरे हैं। किसानों को फसल रखने को जगह नहीं बची है। नमी की मात्रा का बहाना बनाकर बोली नहीं लगाई जा रही है। धान के अंबार लग गए हैं। लिफ्टिंग नहीं हो रही है। किसान कई दिनों से मंडियों में परेशान बैठे हैं।

बैनीपाल ने रोष जताया कि सरकार ने सभी अफसर पंचायती चुनावों में लगा रखे हैं। धान के सीजन की तरफ किसी का ध्यान नहीं है। उन्हें किसी आढ़ती ने बताया है कि मंडियों में बोरियों में पड़े धान का नुकसान भी किसानों को झेलना पड़ रहा है।

हालांकि आढ़ती एसोसिएशन खन्ना के अध्यक्ष हरबंस सिंह रोशा ने कहा कि अनाज मंडी में प्रबंध मुकम्मल हैं। फसल की बोली लगने के बाद सारी जिम्मेदारी आढ़ती और सरकारी एजेंसी की होती है। किसानों को जो थोड़ी बहुत परेशानी है वो शैलरों की अलॉटमेंट में देरी की वजह से है। अलाटमेंट हो चुकी है। जल्द ही लिफ्टिंग तेज हो जाएगी। मार्केट कमेटी सचिव मनजिंदर सिंह मान ने बताया कि खन्ना मंडी में 15 हजार मीट्रिक टन धान की आमद हो चुकी है। इसमें से 10 हजार 400 मीट्रिक टन की खरीद हो गई है। 2 हजार मीट्रिक टन की लिफ्टिंग हो चुकी है।

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नदियों के लिए बाढ़ के मैदानों को छोड़ना ज़रूरी है – संत सीचेवाल *प्रकृति के करीब रहने से ही मिलेगी बाढ़ से राहत *पंजाब को 900 किलोमीटर मिट्टी के तटबंधों को मजबूत करने की जरूरत है* प्रत्येक ट्यूबवेल पर पांच पेड़ लगाने से 70 लाख नए पौधे जुड़ेंगे*