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सरकार से करार : पंजाब में सड़कों से तो हट गए किसान, मगर ‘बैकअप’ के लिए जारी रखेंगे धरना

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आप सरकार ने धान की खरीद-उठान में तेजी लाने का वादा पूरा ना किया तो फिर सड़कों पर उतरेंगे किसान

चंडीगढ़ 28 अक्टूबर। पंजाब की जनता के लिए यह राहत की बात है कि आंदोलित किसानों ने सभी हाईवे पर लगाए धरने हटा लिए। हालांकि सूबे की आप सरकार पर शक की गुंजाईश रखते हुए किसान सड़कों के किनारे धरना जारी रखेंगे। अगर मंडियों से धान की खरीद-उठान में तेजी नहीं आई तो किसान फिर सड़कों पर उतर सकते हैं।

यहां काबिलेजिक्र है कि पंजाब सरकार ने गत दिवस किसान नेताओं के साथ बैठक की। जिसमें सीएम भगवंत मान की ओर से खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह प्रतिनिधि रहे। उन्होंने वादा किया कि एक-दो दिन में धान का उठान रफ्तार पकड़ेगी, जिससे आइंदा किसान परेशान नहीं होंगे। जिसके बाद किसान हाइवे पर लगे धरने हटाने को राजी हुए।

शर्तों के साथ जनहित में लिया फैसला : पंधेर

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने यह फैसला लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया। हालांकि हम सारी स्थिति पर नजर रखेंगे। अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो फिर से संघर्ष के बारे में फैसला लेंगे। साथ ही कहा कि धान में नमी की शर्त पूरी होने के बावजूद आढ़ती फसल पर कट लगा रहे थे। सरकारी फैसले के मुताबिक इस कट की भरपाई आढ़तियों से ही होगी। ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। वहीं मंडी बोर्ड के मुताबिक 140 लाख मीट्रिक टन धान के लिए 3850 शैलरों के साथ समझौता हो गया, जिनमें से 2900 चालू हैं। हालांकि किसान चाहते हैं कि समझौता सार्वजनिक हो, जिस पर सरकार सहमत है। पंधेर के मुताबिक सरकार ने माना कि अब तक 19 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग के बाद 49 लाख टन धान मंडियों में पहुंच गया। अभी 30 लाख टन धान मंडियों में पड़ा है, जिससे मंडियां फुल हैं। इस मुद्दे पर किसान चाहते हैं कि सीएम भगवंत मान की केंद्र के साथ बैठक की चर्चा सार्वजनिक हो। साथ ही जब तक धान की खरीद पूरी नहीं होती, तब तक मंडियां खुली रखें।

किसानों के आगे झुकी सरकार !
खाद्य आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक्क के मुताबिक किसानों को शिकायत है कि कई मंडियों में धान खरीद एमएसपी पर नहीं हो रही व कट भी लग रहे हैं। किसानों से ऐसे केसों की जानकारी मांगी है। सभी केसों में आढ़तियों से भरपाई कराएंगे। ऐसा ना करने पर सख्त कार्रवाई होगी। वहीं, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडि्डयां के मुताबिक किसानों को डीएपी खाद की कमी नहीं आएगी, क्योंकि सीएम मान ने केंद्र के समक्ष ये मामला उठाया है। जो प्राइवेट डीलर खाद के साथ अन्य सामग्री खरीदने को मजबूर करेंगे, उन पर कार्रवाई होगी।

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