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शंभू स्टेशन पर डटे हैं किसान, आम लोग परेशान कारोबारी विरोध में सड़कों पर उतरने को तैयार

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सरकार को दिया किसानों का अल्टीमेटम खत्म

रेलवे के नए शैड्यूल में 73 ट्रेनों की गईं कैंसिल

लुधियाना 27 अप्रैल। शंभू रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर किसान ग्यारह दिनों से डटे हैं। उनकी अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान-मजदूर मोर्चा कर रहा है। उनके आंदोलन से खफा अंबाला सिटी के कारोबारियों ने अपनी दुकानें बंद कर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है।

गौरतलब है कि किसान अपने युवा नेता नवदीप सिंह समेत तीन किसानों की रिहाई न होने तक आंदोलन जारी रखने की बात पर अड़े हैं। उधर, किसानों द्वारा सरकार को दिया अल्टीमेटम आज खत्म हो गया। जींद के खटकड़ गांव में रखी महापंचायत में किसान संगठनों ने हरियाणा सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया था। हालांकि, किसान पहले भी चार बार अल्टीमेटम दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया।

इधर, अंबाला सिटी के व्यापारियों ने चुनाव आयोग व चीफ जस्टिस को इस बाबत पत्र लिखकर शंभू बॉर्डर खोलने की मांग की है। कारोबारियों ने कहा कि पहले कोविड, फिर बाढ़ और अब शंभू बॉर्डर बंद होने से धंधा चौपट हो चुका है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर समस्या का हल नहीं निकला तो सभी व्यापारी अपनी दुकानें बंद कर सड़कों पर उतर आएंगे। बता दें कि किसान आंदोलन के चलते रेलवे पर असर पड़ रहा है। रेलवे ने 28 अप्रैल तक 73 ट्रेनों को कैंसिल किया है। कई अन्य ट्रेनों के रूट डायवर्ट भी किए तो कई ट्रेनों का शॉर्ट टर्मिनेट करना पड़ा। शंभू बॉर्डर बंद होने से अंबाला के व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 22 मई को मोर्चे को 100 दिन पूरे होंगे। उस दिन 22 मई को शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर लाखों की संख्या में किसान एकजुट होंगे। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और यूपी के किसानों से अभी से तैयारी करने की अपील की है। पंधेर ने कहा कि एक मई को बॉर्डर पर मजदूर दिवस मनाया जाएगा।

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