पंजाब 9 नवंबर। केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के बयान पर पंजाब में किसान भड़क गए हैं। रवनीत सिंह बिट्टू ने किसानों को तालिबान कहा। जिससे किसान भड़क गए हैं। बिट्टू ने आरोप लगाया कि भाजपा के विरोध में असल किसान नहीं, बल्कि किसान नेता हैं, जो विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के प्रधान सरवन सिंह पंधेर ने माफी मांगने को कहा है। सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि रवनीत बिट्टू किसान नेताओं की संपत्ति की जांच करवाना चाहते हैं और उपचुनाव के बाद यह जांच होगी। उन्हें ये जांच अभी करवा लेनी चाहिए। किसान इस तरह की धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। बिट्टू जब कांग्रेस में थे तो किसानों के हक में बोला करते थे। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी यही करते थे। लेकिन अब वे किसानों पर ही निशाना साध रहे हैं।
किसानों को सिर्फ क्यों ठहराया जा रहा दोषी
पंधेर ने कहा कि प्रदूषण के लिए सिर्फ किसानों को दोषी ठहराना गलत है। दो साल से भाजपा सरकार ने शैलरों से चावल नहीं उठाए हैं, जिससे स्थिति और खराब हो गई है। डीएपी खाद की कमी केवल पंजाब में नहीं, बल्कि यूपी, हरियाणा और एमपी सहित कई राज्यों में है। सरकार 51% उद्योगों और 25% ट्रांसपोर्ट वाहनों पर कार्रवाई क्यों नहीं करती। जबकि पराली जलाने पर केवल किसानों को ही दोषी ठहराया जा रहा है।