कृषि विभाग की 150वीं वर्षगांठ को बीज वर्ष के रूप में मनाते हुए, उत्पादन और उत्पादकता में 20 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया
जनहितैषी, लखनउ, 26 अप्रैल। यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने प्री-खरीफ 2025 कार्यशाला का उदघाटन करते हुए किसानों को सलाह दी है कि लाइन सोइंग को अपनाए। कार्यशाला में 06 मण्डल आगरा, अलीगढ़, बरेली, मेरठ, मुरादाबाद और सहारनपुर के मंडलीय और जनपदीय कृषि अधिकारियों ने हिस्सा लिया। कृषि मंत्री द्वारा निर्देश दिये कि विभागीय अधिकारी जनपदों का नियमित रूप से भ्रमण करें तथा जनपदों में संचालित योजनाओं एवं प्रदर्शनों का सत्यापन कर जनपदीय फसलों के आच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने की रणनीति तैयार करें। जनपदों में आई०पी०एम० लैब ठीक से कार्य नहीं कर रहे है, तो उन्हंे तत्काल सही कराया जाए। विभाग द्वारा अपनी योजनाओं तथा क्रियाकलापों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु सोशल मीडिया प्लेटफार्म का प्रयोग किया जाए। प्रत्येक जनपद अपने विभाग का सोशल मीडिया पेज तैयार करे जिस पर विभिन्न योजनाओं तथा नवीन पद्धतियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
उन्होंने कहा कि धान की नर्सरी 15 मई 2025 तक पूर्ण करते हुए रोपाई का कार्य 15 जून 2025 तक संपन्न कराया जाए। प्रक्षेत्रों पर शत-प्रतिशत पंक्ति में बुवाई सुनिश्चित की जाए। प्रक्षेत्र के समस्त खण्डों एवं योजनान्तर्गत आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शनों के प्लाट का शत-प्रतिशत मृदा परीक्षण कराया जाए तथा उर्वरकों का प्रयोग संस्तुति के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि 02 मई को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में राज्य स्तरीय खरीफ गोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। 05 मई 2025 विश्व मृदा दिवस पर कृषि विभाग के समस्त अधिकारी/कर्मचारी क्षेत्रों में जाकर मृदा नमूना ग्रहण कर प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराएगें, जिनके विश्लेषण की रिपोर्ट क्रमिक रूप से बुवाई से पूर्व कृषकों को उपलब्ध करायी जाए।
उन्होंने कहा कि जनपदों में आयोजित होने वाली प्रत्येक गोष्ठी एवं पाठशाला में भूमि के स्वास्थ्य सुधार के सम्बन्ध में परिचर्चा का बिन्दु अवश्य रखा जाए। जनपदों में आयोजित होने वाली क्राप कटिंग में अधिकारी/कर्मचारी शत-प्रतिशत प्रतिभाग कर उनके परिणामों का अंकन किया जाए। अधिकतम एवं न्यूनतम उत्पादकता प्राप्त करने वाले कृषकों से सम्पर्क कर उनके द्वारा अपनायी जाने वाली पद्धतियों की जानकारी प्राप्त कर उनका विश्लेषण किया जाए। अधिक उत्पादकता प्राप्त करने वाले कृषकों द्वारा अपनायी जाने वाली पद्धतियों का जनपदीय कृषकों के मध्य व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए तथा कम उत्पादकता प्राप्त करने वाले कृषकों द्वारा अपनायी जाने वाली पद्धतियों की कमियों को चिन्हित कर उन्हें दूर करने का प्रयास किया जाए।
कृषि विभाग स्थापना के 150 वां वर्ष मना रहा है जिसे हम बीज वर्ष के रूप में मना रहे है। अच्छी गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराते हुए यथासंभव प्रयास कर अभियान चलाकर फसलों के उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास करते हुए कृषि की विकास दर 20 प्रतिशत से ऊपर ले जाने का प्रयास किया जाए।