फर्जी एसटीएफ व विजिलेंस अधिकारी गिरफ्तार, बिजली विभाग के एसडीओ व जेई को किया किडनैप, 7.20 लाख ली फिरौती, दो गिरफ्तार

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

Listen to this article

चरणजीत सिंह चन्न

जगरांव 18 अक्टूबर। दाखा पुलिस ने एक ऐसे ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है जो खुद को विजीलेंस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का अधिकारी बताकर सरकारी अधिकारियों और आम लोगों से जबरन पैसे वसूलता था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि बाकी दो फरार आरोपियों की तलाश जारी है। जानकारी के अनुसार, मुल्लापुर स्थित पंजाब स्टेट पावर सप्लाई लिमिटेड (पीएसपीएसएल) कार्यालय में तैनात सहायक इंजीनियर जसकिरनप्रीत सिंह ने पुलिस को शिकायत दी कि 13 अक्तूबर को कुछ लोग खुद को विजीलेंस और एसटीएफ के अधिकारी बताकर उनके दफ्तर पहुंचे और उन्हें तथा जूनियर इंजीनियर परमिंदर सिंह को बंधक बना लिया। आरोपियों ने धमकी दी कि उनके पास ऊपरी अधिकारियों से गलत बातचीत के सबूत हैं और अगर पैसे नहीं दिए गए तो उन्हें नौकरी से सस्पेंड करवाया जाएगा। डर के मारे दोनों अफसरों को जबरन कार में बिठाकर आरोपी उन्हें लुधियाना ले गए और रास्ते में उनसे 7 लाख 20 हजार रुपये वसूल लिए।

पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा

पूछताछ में पकड़े गए दोनों आरोपियों ने खुलासा किया है कि बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ 20 लाख रुपये की सौदेबाजी तय हुई थी। इस रकम में से आरोपियों ने मौके पर ही 7 लाख 20 हजार रुपये वसूल लिए थे। बाकी राशि लेने के लिए दोनों आरोपी लगातार बिजली अधिकारियों पर दबाव बना रहे थे। जानकारी के अनुसार, मौके पर वसूली गई रकम की आपस में अभी तक बांट नहीं हुई है। पूरी रकम आरोपियों के तीसरे साथी विनय अरोड़ा के पास है, जो फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है। पुलिस की टीमें विनय अरोड़ा और अमनदीप सिंह की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही हैं।

जांच में खुला फर्जीवाड़े का पूरा खेल

पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि आरोपी किसी सरकारी विभाग से जुड़े हुए नहीं थे। उन्होंने नकली पहचान बनाकर अफसरों को ठगने का जाल रचा हुआ था। खुफिया सूचना पर तुरंत कार्रवाई करते हुए दाखा पुलिस ने गुरविंदर सिंह उर्फ गगनदीप निवासी झील त्रिपड़ी और ब्रह्मप्रीत सिंह निवासी सफाबाद गेट (पटियाला) को गिरफ्तार किया।

फर्जी प्रेस आई कार्ड और गाड़ियां बरामद

आरोपियों से नकली प्रेस आईडी, दो इनोवा गाड़ियां, दो मोबाइल फोन और दो फर्जी प्रेस आईडी कार्ड बरामद किए है। मोबाइल की जांच में पुलिस को कई तस्वीरें मिलीं, जिनमें आरोपी पुलिस की वर्दी पहने हुए नजर आए। गिरोह में दो और नामजद इस ठगी मामले में पुलिस ने दो और व्यक्तियों अमनदीप सिंह उर्फ राजवीर और विनय अरोड़ा निवासी पटियाला को नामजद किया है।

आरोपियों पर पहले भी है मामले दर्ज

जांच में सामने आया है कि चारों आरोपी मिलकर फर्जीवाड़े की कई घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। इनके ऊपर पहले भी ऐसे मामले दर्ज हैं। डीएसपी खोसा ने बताया कि पुलिस ने इनको आधुनिक तकनीक के जरिए दो दिन में गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। और जल्द ही फरार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस पूरे मामले की जांच उप-पुलिस अधीक्षक वरिंदर सिंह खोसा की निगरानी में सहायक उप-पुलिस अधीक्षक हमराज सिंह और दाखा थाने की टीम कर रही है। डीएसपी खोसा ने कहा कि दाखा पुलिस हर समय सतर्क है और ऐसे गैर-कानूनी तत्वों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

Leave a Comment