हरियाना/यूटर्न/18 अगस्त: हरियाणा में 14वीं विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं। अब तक हरियाणा के मुखयमंत्री रहे कई विधायकों ने भी दोबारा सरकार बनाने के लिए चुनावी मैदान में ताल ठोकी। बंसीलाल और ओमप्रकाश चौटाला को छोडक़र अन्य जिस भी मुखयमंत्री ने विधानसभा चुनाव अपने पद पर रहते हुए लड़ा, उनकी सरकार चाहे इस चुनाव में न बन पाई हो, लेकिन विधायकी बरकरार रही। 1987 के चुनाव में मुखयमंत्री रहे बंसीलाल और 2005 में मुखयमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था। इनके बाद मुखयमंत्री बने भूपेंद्र सिंह हुड्डा लगातार दो बार पद पर रहे और तीसरी बार 2014 और फिर चौथी बार 2019 के चुनाव में उनकी सरकार नहीं बनी, लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीतकर सदन में पहुंचे। वहीं तत्कालीन सीएम मनोहर लाल भी 2014 और 2019 में करनाल से विधायक बनकर प्रदेश में मुखयमंत्री बने, लेकिन मार्च 2024 में भाजपा ने नायब सैनी को सीएम बना दिया और मनोहर लाल करनाल से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंच चुके हैं। करनाल सीट से उपचुनाव जीतकर सीएम नायब सिंह सैनी विधायक बने हैं। ऐसे में पांच माह के मुखयमंत्री नायब सिंह सैनी पर अब सभी की निगाहें टिकी हैं। तत्कालीन सीएम मनोहर लाल के साढ़े नौ साल के कार्यकाल के दौरान भाजपा सरकार की साख भी अब इन्हीं के हाथ में हैं।
बंसीलाल सहित उनकी तीसरी पीढ़ी से जीते धर्मवीर
1987 के चुनाव में तोशाम सीट से धर्मवीर सिंह ने मुखयमंत्री रहे बंसीलाल को 2186 वोट से हराया। इसके बाद उन्होंने उनके बेटे सुरेंद्र और बाद में सुरेंद्र की बेटी श्रुति चौधरी को भी हराया। वहीं 2005 के चुनाव में नरवाना सीट पर कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने 1859 वोटों से मुखयमंत्री ओपी चौटाला को हराया था। चौटाला इससे पहले भी तीन बार सीएम रहे। वहीं 2009 के चुनाव में नरवाना सीट अनुसूचित के लिए आरक्षित होने के बाद सुरजेवाला कैथल से चुनाव लड़े और कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रहे।
करनाल से चार मुखयमंत्रियों का सीधा संबंध
अब तक करनाल से चार मुखयमंत्रियों का सीधा संबंध रहा है। प्रदेश में पहली बार सरकार बनाने वाली भाजपा के मनोहर लाल यहीं से विधायक थे और यहीं से लोस चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री हैं। इनके बाद सीएम बने नायब सिंह सैनी भी वर्तमान में करनाल से विधायक हैं। इससे पहले प्रदेश के पहले मुखयमंत्री भगवतदयाल शर्मा ने करनाल से 1977 में लोकसभा चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के जगदीश प्रसाद को हराया था। इसके बाद छठे सीएम भजन लाल ने भी 1998 में करनाल से लोकसभा चुनाव लडक़र भाजपा के आईडी स्वामी को हराया था। हालांकि 1999 में आईडी स्वामी ने इन्हें हरा दिया था।
मुखयमंत्रीयों का ये रहा कार्यकाल
भगवत दयाल शर्मा 01 नवंबर 1966 से 23 मार्च 1967
राव विरेंद्र सिंह 24 मार्च 1967 से 02 नवंबर 1967
बंसीलाल 22 मई 1968 से 30 नवंबर 1975
बनारसी दास गुप्ता 01 दिसंबर 1975 से 30 अप्रैल 1977
देवी लाल 21 जून 1977 से 28 जून 1979
भजन लाल 29 जून 1979 से 05 जुलाई 1985
बंसीलाल 05 जुलाई 1985 से 19 जून 1987
देवी लाल 17 जुलाई 1987 से 02 दिसंबर 1989
ओमप्रकाश चौटाला 02 दिसंबर 1989 से 22 मई 1990
बनारसी दास गुप्ता 22 मई 1990 से 12 जुलाई 1990
ओमप्रकाश चौटाला 12 जुलाई 1990 से 17 जुलाई 1990
हुकम सिंह 17 जुलाई 1990 से 21 मार्च 1991
ओमप्रकाश चौटाला 22 मार्च 1991 से 06 अप्रैल 1991
भजनलाल 23 जुलाई 1991 से 09 मई 1996
बंसी लाल 11 मई 1996 से 23 जुलाई 1999
ओमप्रकाश चौटाला 24 जुलाई 1999 से 04 मार्च 2005
भूपेंद्र सिंह हुड्डा 05 मार्च 2005 से 19 अक्टूबर 2014
मनोहर लाल 26 अक्टूबर से 12 मार्च 2024
नायब सिंह सैनी 12 मार्च 2024 से वर्तमान
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बंसीलाल व चौटाला को छोड़ सीएम रहते चुनाव लडऩे वाले सभी नेताओं की बची विधायकी
Kulwant Singh
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