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मिसाल : पीजीआई चंडीगढ़ आयुष्मान भारत के तहत किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में सबसे आगे

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कामयाबी की दर 80 फीसदी, मरीजों की जिंदगी को बचाने में यह संस्थान अव्वल

चंडीगढ़ 4 जनवरी। देश के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा संस्थानों में पीजीआई कई अन्य मायनों में भी देश के अन्य चिकित्सा संस्थानों के लिए मिसाल बन गया है। किडनी ट्रांसप्लांट के मामले में इस क्षेत्र में गरीब और जरूरतमंद मरीजों की जिंदगी को बचाने में यह संस्थान अव्वल है।

जानकारी के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना के तहत पीजीआई ने देश में अब तक सबसे ज्यादा लाभार्थियों का किडनी प्रत्यारोपण कर नंबर वन पोजीशन प्राप्त की है। इतना ही नहीं, सामान्य वर्ग में 5000 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट कर यह अन्य अस्पतालों के लिए मिसाल कायम कर रहा है। संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट की सफलता दर लगभग 80 प्रतिशत तक है। साल 2023-24 में पीजीआई ने 130 करोड़ रुपये से अधिक पैकेज राशि के साथ 32000 आयुष्मान भारत के मरीजों का इलाज किया। इतने मरीजों का इलाज कर पीजीआई केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक संख्या लोगों को लाभ पहुंचाने वाला सेंटर बन गया है।

इसके साथ ही जिन गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट मुश्किल था, आयुष्मान भारत के तहत सुलभ हो गया है। इस योजना के अंतर्गत पीजीआई ने 111 किडनी ट्रांसप्लांट किए, जो राष्ट्रीय स्तर पर संस्थान को सबसे आगे खड़ा कर रहा है।

बताते हैं कि पीजीआई ने अब तक 5209 किडनी ट्रांसप्लांट किए, जो इसे भारत में अंगदान और प्रत्यारोपण में अग्रणी बनाता है। पीजीआई अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर के बाद दूसरे स्थान पर है। जबकि पीजीआई में अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर की 400 की तुलना में केवल 50 बेड की क्षमता है। अगर 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो पीजीआई ने 326 किडनी ट्रांसप्लांट किए।

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