6 महीने का राशन खत्म, फिर भी शंभू बॉर्डर से पीछे हटने को तैयार नहीं किसान

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हरियाना/यूटर्न/12 अगस्त: पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले 6 महीनों से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान वापस लौटने के लिए तैयार नहीं है। उन्हें इस बात की जल्दी भी नहीं हैं। सयुंक्त किसान मोर्चा (नॉन पोलिटिकल) और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली कूच के अपने दूसरे विरोध प्रदर्शन को जारी रखे हुए हैं। वे सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी अधिकार की मांग कर रहे हैं, जो फसल की लागत और 50 प्रतिशत मुनाफे के फॉर्मूले पर आधारित हो। 11 फरवरी को पंजाब से निकले किसानों को हरियाणा पुलिस ने 13 फरवरी को दिल्ली में घुसने से रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। किसानों का एक जत्था 21 फरवरी को बैरिकेड्स तोडऩे की कोशिश कर रहा था, तभी पुलिस की कार्रवाई में एक किसान की मौत हो गई थी। किसान संगठनों का कहना है कि 9 दिसंबर, 2021 को तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर करने के बाद केंद्र सरकार ने उनकी लंबित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। लेकिन सरकार ने अभी तक एमएसपी पर कोई कानूनी गारंटी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट 12 अगस्त यानि आज इस मामले की सुनवाई करेगा। 11 फरवरी को पंजाब से विरोध मार्च शुरू करते समय किसानों ने कहा था कि हम 6 महीने का राशन साथ लेकर चले हैं। अगर और जरूरत पड़ेगी तो मंगवा लेंगे। किसानों ने अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी। जिन्होंने संसद में एमएसपी के कानूनी अधिकार का मुद्दा उठाया है।
किसानों ने लगाए ये आरोप
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार ने उन्हें एमएसपी पर कानूनी गारंटी नहीं दी है और 5 साल के लिए प्रायोगिक आधार पर 5 फसलों पर एमएसपी की पेशकश करके जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की है। सुप्रीम कोर्ट अब केंद्र सरकार से पूछेगा कि क्या उसने किसानों से बात करने के लिए एक समिति बनाई है या नहीं।
किसान बोले नहीं करेंगे समझौता
किसान नेता जगजीत सिंह दलेवाल ने कहा कि 9 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार ने हमें हमारी लंबित मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। दूसरे किसान नेता सरवन सिंह पांधेर ने कहा कि सरकार के रवैये ने हमें अपना संघर्ष फिर से शुरू करने के लिए मजबूर किया है। हमने उसे जवाब देने के लिए पर्याप्त समय दिया, लेकिन हमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई कानूनी गारंटी नहीं दी। 5 साल के लिए प्रायोगिक आधार पर हमें 5 फसलों पर एमएसपी की पेशकश करके जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की। हम किसी भी हफते या महीनों के लिए सीमाओं पर बैठने को तैयार हैं, लेकिन हम समझौता नहीं करेंगे।
आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेश को हरियाणा सरकार द्वारा चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की दो बार 24 जुलाई और 2 अगस्त को सुनवाई की है। अब उसने इस मामले को 12 अगस्त यानि आज के लिए सूचीबद्ध किया है। सुप्रीम कोर्ट हरियाणा और पंजाब दोनों से बातचीत समिति बनाने के लिए नाम सुझाने को कहेगा।
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