लुधियाना 28 अप्रैल। लुधियाना में शुक्रवार रात बारिश के दौरान फिरोजपुर रोड पर स्थित एमबीडी मॉल के एकदम सामने पड़ते आरजी स्टोन अस्पताल पर मरीजों व उनके रिश्तेदारों द्वारा ताला लगाने और अंदर न घुसने देने के आरोप लगाए गए थे। इसकी तस्वीरें भी तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि तीन दिन बीतने के बाद भी लुधियाना सेहत विभाग एकदम शांत बैठा है। इस मामले में एक्शन लेना तो दूर की बात संज्ञान तक नहीं लिया गया। जबकि सेहत विभाग के अधिकारियों से बात की तो वह अभी शिकायत का इंतजार कर रहे हैं, यानि की शिकायत आएगी तो ही कार्रवाई होगी, नहीं तो नहीं होगी। जबकि शुक्रवार रात अस्पताल पहुंचे मरीजों द्वारा अस्पताल स्टॉफ पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। मरीजों की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए भी विभाग द्वारा जांच तक नहीं की गई कि आखिर मरीजों को ऐसी परेशानी झेलनी क्यों पड़ी।
प्राइवेट अस्पतालों के 24 घंटे सुविधाएं देने के दावे
लुधियाना में धड़ल्ले से प्राइवेट अस्पताल खोले जा रहे हैं। जबकि सरकारी के अलावा हर प्राइवेट अस्पताल द्वारा 24 घंटे सेहत सुविधाएं देने के दावे किए जाते हैं। जबकि अस्पतालों के बाहर बड़े बड़े बोर्ड लगाकर 24 घंटे एमरजेंसी सर्विस लिखा रहता है। लोगों में चर्चा है कि असलियत में वह सिर्फ मरीजों और उनके रिश्तेदारों को भरमाने के लिए लिखा होता है। जबकि कई अस्पतालों में तो रात के समय एक ही डॉक्टर व कुछ स्टॉफ नर्स ही पूरे अस्पताल को संभालने के लिए रखी होती हैं।
पंजाब सरकार ने सेहत सुविधाओं का किया था वादा
पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा चुनाव जीतने से पहले पंजाब में सेहत सुविधाओं में बदलाव करने की बात कही थी। जबकि कहा था कि हर समय लोगों को सेहत सुविधा कम दाम में मिलेगी। लेकिन आरजी स्टोन जैसे अस्पतालों में सुविधा का ध्यान रखना तो दूर की बात है, जबकि मरीज देखकर अस्पताल के ताले लगा दिए और निवेदन करने के बाद भी नहीं खोला गया। अब देखना होगा कि मरीजों से ऐसा व्यवहार करने पर पंजाब सरकार क्या एक्शन लेती है।
यह है मामला
जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात लुधियाना में तेज बारिश हुई थी। इस दौरान कई मरीजों को उनके रिश्तेदार आरजी स्टोन अस्पताल लेकर पहुंचे। मरीजों व उनके रिश्तेदारों द्वारा आरोप लगाए गए कि भारी बारिश हो रही थी। लेकिन फिर भी अस्पताल प्रबंधकों द्वारा मरीजों को अंदर ले जाने की जगह अंदर से ताला लगाकर बाहर बारिश में ही छोड़ दिया। मरीज व उनके रिश्तेदारों द्वारा कई बार अपील की गई, लेकिन उन्होंने ताला नहीं खोला। जिस कारण मरीजों को उनके रिश्तेदार दूसरे अस्पतालों में लेकर पहुंचे। जबकि कइयों को बिना इलाज करवाए वापिस घर जाना पड़ा।
सेहत विभाग व नगर निगम को करें शिकायत
इस संबंध में पंजाब मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व पंजाब प्रधान जीएस गिल ने कहा कि अगर अस्पताल की तरफ से ऐसा किया गया है तो यह सरासर गलत है। क्योंकि अस्पताल लोगों के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं।इ स संबंध में पीड़ित सेहत विभाग और नगर निगम को शिकायत करें।
शिकायत आने पर की जाएगी जांच
लुधियाना के सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। अभी इस मामले संबंधी कोई शिकायत भी नहीं आई है। शिकायत आती है तो दूसरे पक्ष को भी सुना जाएगा। जिसके बाद ही पता चल सकेगा कि आखिर हकीकत क्या है।