नए एटीपी को नियुक्त करने पर भी 11 दिन बाद बिल्डिंग नहीं हुई सील, इधर ऑर्डर-ऑर्डर खेल रहे अफसर, उधर मालिक ने पेंट तक करवा डाला

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चांद सिनेमा रोड पर मरवाहा मैन्स वेयर की इललीगल बहुमंजिलां इमारत बनने का मामला

राजदीप सिंह सैनी

लुधियाना 17 नवंबर। लुधियाना के फतेहगढ़ मोहल्ला के चांद सिनेमा रोड पर पड़ते मरवाहा मैन्स वेयर शोरुम के मालिक द्वारा अवैध निर्माण कर कर एक के बाद एक लैटर डालकर बहुमंजिलां इमारत खड़ी की दी गई। इस मामले में कार्रवाई न करने के चलते पिछले दिनों एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह खैरा की और से जोन-ए के एटीपी गुरविंदर पाल सिंह लक्की से एटीपी का चार्ज वापिस ले लिया है। जबकि उनकी जगह एटीपी जगदीप सिंह को नियुक्त कर दिया गया है। 11 दिन पहले एडिशनल कमिश्नर द्वारा मामले में एक्शन लेने की बात कही थी। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि एटीपी से चार्ज लेकर सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई। जबकि नए एटीपी को तैनात करने के बावजूद अभी तक बिल्डिंग पर एक्शन नहीं लिया। पहले कमिश्नर आदित्य डेचलवाल द्वारा मामले संबंधी एटीपी गुरविंदरपाल सिंह को एक्शन के आदेश दिए। उन्होंने कार्रवाई नहीं की। फिर एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह खैरा को जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने एटीपी गुरविंदर से चार्ज वापिस लेकर एटीपी जगदीप सिंह को देकर सील के ऑर्डर दिए। फिर अब एटीपी ने सील के लिए इंस्पेक्टर को कह दिया। यानि कि अफसर आपस में ही ऑर्डर-ऑर्डर खेल रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ बेखौफ बिल्डिंग मालिक की और से अध तरीके से खड़ी की दो मंजिलों का तीन दिन पहले पेंट तक का काम शुरु करवा दिया है।

अफसरों के दावे, बिल्डिंग का खुलेआम निर्माण

करीब डेढ़ महीने से निगम अफसर अवैध तरीके से बनी बिल्डिंग पर एक्शन लेने के दावे कर रहे हैं। लेकिन यह दावे सिर्फ दस्तावेजों तक सीमित रह गए। अफसर एक दूसरे को नोटिस जारी कर खानापूर्ति करते रहे। लेकिन दूसरी तरफ बिल्डिंग मालिक ने पहले तीसरी मंजिल डाली और फिर चौथी भी बना ली। यहां तक कि उस पर पेंट तक करवा दिया। मगर अफसर एक्शन नहीं ले सके। लोगों में चर्चा है कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी, कि निगम एक्शन नहीं ले पा रहा।

कानून मुताबिक बिल्डिंग नहीं हो सकती लीगल

वहीं नियमों को देखें तो अगर कोई बिल्डिंग बाय लॉज के मुताबिक नहीं बनी तो उस पर तुरंत प्रभाव से एक्शन लेना जरुरी है। अगर देखें तो मरवाहा मैन्स वेयर बिल्डिंग देखें तो डेढ़ मंजिल ही कमर्शियल बन सकती थी। लेकिन चार फ्लौर बने। ऊपर वाले ढ़ाई फ्लौर पूरी तरह से इललीगल है। जिसके चलते इस बिल्डिंग को न तो कंपाउंड किया जा सकता है और न ही लीगल हो सकती है। इस अवैध निर्माण को या तो सील किया जाएगा या गिराया जा सकता है।

एक के साथ एक फ्री की पॉलिसी अपनाई

मरवाहा मैन्स वेयर के मालिक ने डेढ़ मंजिल की फीस जमा करवाई। लेकिन फिर उसके ऊपर के एक के बाद एक निर्माण कर चार मंजिलां बना ली। इसके अलावा कपड़ा व्यापारी द्वारा 50 गज जमीन पर तो चार मंजिलां इमारत बनाई ही है, उसके साथ ही 30 गज जमीन लेकर वहां बिना कोई फीस जमा करवाए चार मंजिलां डाल ली। यानि कि एक के साथ एक फ्री वाली पॉलिसी अपनाई गई। जिसके चलते वह बिल्डिंग पूरी ही सील होगी।

एडिशनल कमिश्नर ने एटीपी को दिए थे आदेश

वहीं इस संबंध में छह नवंबर को एडिशनल कमिश्नर परमदीप सिंह खैरा से संपर्क किया गया। उनका कहना था कि एटीपी गुरविंदर पाल सिंह से चार्ज वापिस लेकर नए नियुक्त एटीपी जगदीप सिंह को चार्ज दिया है। बिल्डिंग सील के लिए एटीपी को आदेश दिए हैं। वहीं अब एटीपी जगदीप सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि बिल्डिंग सील के लिए इंस्पेक्टर को कहा गया है। मंगलवार तक इसकी पुख्ता जानकारी मिल जाएगी।

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